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RGHS Rajasthan | आरजीएचएस | Rajasthan Government Health Scheme

RGHS Rajasthan

आरजीएचएस

Rajasthan Government Health Scheme

योजना  की सामान्य जानकारी

Rajasthan Government Health Scheme (RGHS) अर्थात् राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना। राजस्थान सरकार ने राज्य के समग्र स्वास्थ्य देखभाल और विकास के दृष्टिकोण से राज्य चिकित्सा सुविधाओं की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं को RGHS Rajasthan-आरजीएचएस Rajasthan Government Health Scheme के रूप में पुनर्गठित किया है। यह योजना पूर्व में विद्यमान भामाशाह स्वास्थ्य योजना का रूपांतरित रूप है और केंद्र सरकार की केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) पर आधारित है। राजस्थान सरकार, वित्त विभाग द्वारा राज्य के माननीय मंत्री गण, माननीय विधायक गण, माननीय पूर्व विधायक गण, न्यायायिक एवं अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी, राज्य सेवा के सेवारत कार्मिक, पेंशनर्स एवं फैमिली पेंशनर्स को राजस्थान के राजकीय एवं अनुमोदित निजी अस्पतालों में RGHS द्वारा कैशलेस इंडोर, डे केयर तथा आउटडोर चिकित्सा, जाँच एवं परामर्श की गुणवत्तापूर्ण सुविधाएँ प्राप्त होगी। राज्य सरकार की इस बहुआयामी स्वास्थ्य योजना से संपूर्ण राज्य के लगभग 13 लाख परिवारों के लगभग 67.5 लाख लाभार्थियों को आजीवन निःशुल्क ईलाज की सुविधा मिलेगी। RGHS योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2021 से की गई। 

पंजीकरण

इस योजना  का  लाभार्थी बनने के लिए सर्वप्रथम  RGHS के वेब पोर्टल http://rghs.rajasthan.gov.in/ RGHS / home पर पंजीकरण करवाना आवश्यक है। पंजीकरण के लिए जनाधार एवं  एम्पलॉई आई-डी / पी.पी.ओ. संख्या  होना  आवश्यक है। इसके लिए आरजीएचएस के वेब पॉर्टल पर स्वयं के एस.एस.ओ. आई-डी में लॉग-इन कर निम्न प्रक्रिया के आधार पर लाभार्थी बन सकते है:-

RGHS rules in Hindi

1. यदि जन-आधार संख्या / जन-आधार पंजीयन संख्या उपलब्ध है तो निम्न प्रक्रिया काम लें :-

*RGHS एप्लीकेशन पर क्लिक करें।                 
*जन-आधार कार्ड संख्या,/जन-आधार पंजीयन संख्या दर्ज करें।                                       
*एम्पलॉय आई.डी. दर्ज करें।                                            
*RGHS एप्लीकेशन पर क्लिक करें।                 
*जन-आधार कार्ड संख्या,/जन-आधार पंजीयन संख्या दर्ज करें।                                       
*एम्पलॉय आई.डी. दर्ज करें।                                            
*RGHS एप्लीकेशन पर क्लिक करें।                 
*जन-आधार कार्ड संख्या,/जन-आधार पंजीयन संख्या दर्ज करें।                                       
*एम्पलॉय आई.डी. दर्ज करें।                                            
*RGHS एप्लीकेशन पर क्लिक करें।                 
*जन-आधार कार्ड संख्या,/जन-आधार पंजीयन संख्या दर्ज करें।                                       
*एम्पलॉय आई.डी. दर्ज करें।                                            
* परिवार के सदस्यों की पुष्टि करें।                                    
*स्व घोषणा प्रस्तुत कर सबमिट करें।
एस.एस.ओ. पर लॉग-इन करें 
               

2. यदि जन-आधार संख्या,/जन-आधार पंजीयन संख्या उपलब्ध नहीं है तो जनाधार बनाने हेतु निम्न प्रक्रिया काम  लें :-

* एस.एस.ओ. पर लॉग-इन करें।
*RGHS एप्लीकेशन पर क्लिक करें।
*पंजीयन नहीं होने पर जन-आधार के पेज लिंक पर क्लिक करें।
*जन-आधार का फॉर्म भरकर सबमिट कर जन-आधार पंजीयन संख्या प्राप्त करें।
*जन-आधार पंजीयन के बाद RGHS में पंजीयन की प्रक्रिया हेतु उक्त बिंदु संख्या 1 में वर्णित प्रक्रिया को अपनायें । 
RGHS में पंजीकरण के बाद e-card ऑप्शन से अपना e-card डाउनलोड कर सकते हैं। पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है।

3. विशेष बातें :-

*एक जन आधार से एक परिवार का पंजीयन हो सकेगा। यदि एक जन आधार में 1 से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं तो पहले परिवार के अनुसार पृथक-पृथक जन आधार कार्ड बनवाना होगा।
*जिनके पास भामाशाह कार्ड बना हुआ है तो उनका जन आधार, भामाशाह कार्ड से ऑटोजेनरेट हो जाएगा
*पेंशनर्स जिनकी SSO ID पहले से बनी हुई है वे अपनी SSO-ID लॉगइन कर सिटीजन ऐप में RGHS पर अपना पंजीकरण करेंगे।                                                        
*पुराने पेंशनर्स जिनकी SSO ID नहीं बनी हुई है वे पहले अपनी SSO ID क्रिएट करेंगे उसके बाद ही RGHS में पंजीकरण करें।
*पेंशनर्स विभाग द्वारा भी कई सेवानिवृत्त कार्मिकों का RGHS में ऑटो रजिस्ट्रेशन कर दिया गया है। इसे चेक करने के लिए आप अपने PPO नंबर एवं सेवानिवृत्ति वर्ष की सहायता निम्न प्रकार ले सकते हैं :-                      

मान लीजिये आपके PPO नंबर 111111  हैं और सेवानिवृत्ति वर्ष 2020  है तो आपकी SSO-ID होगी- PPO नंबर सेवानिवृत्ति वर्ष सेवानिवृत्ति वर्ष। इसी प्रकार पासवर्ड होगा (PPO नंबर) (सेवानिवृत्ति वर्ष) (सेवानिवृत्ति वर्ष),  इसे निम्न प्रकार अप्लाई कर सकते हैं SSO ID- 11111120202020  पासवर्ड- 11111120202020

*RGHS शर्तों के अनुसार निम्न चिकित्सा सुविधाऐं इसके अंतर्गत कवर होंगी-
(i) राजस्थान मंत्री (चिकित्सा उपस्थिति) नियम, 1961 
(ii)राजस्थान न्यायिक अधिकारी (चिकित्सा सुविधाएं) नियम, 2008 
(iii) अखिल भारतीय सेवाएं(चिकित्सा उपस्थिति) नियम, 1954 
(iv) राजस्थान विधान सभा सदस्य (चिकित्सा सुविधाएं) नियम, 1964 
(v) राजस्थान विधान सभा पूर्व सदस्य और परिवार पेंशनभोगी (चिकित्सा सुविधाएं) नियम, 2010 
(vi) राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा उपस्थिति) नियम, 2013 
(vii) राजस्थान राज्य पेंशनभोगी चिकित्सा रियायत योजना, 2014 और 
(viii) राज मेडिक्लेम पॉलिसी  

4. पंजीकरण सम्बन्धी समस्याओं का समाधान :-

*यदि पति-पत्नी दोनों पेंशनर हैं तो एक जन आधार के माध्यम से पंजीयन कर सकते हैं पृथक से पंजीयन करने की आवश्यकता नहीं है। अर्थात् दोनों में से कोई एक पंजीयन करते समय दूसरे को रेडियो बटन के माध्यम से पेंशनर प्रदर्शित कर RGHS फैमिली में शामिल कर सकता है।         
*यदि पति और पत्नी दोनों सेवारत कर्मचारी हैं तो एक ही जन आधार के माध्यम से पंजीयन कर सकते हैं अर्थात् दोनों में से कोई एक पंजीयन करते समय दूसरे को रेडियो बटन के माध्यम से कर्मचारी प्रदर्शित कर RGHS फैमिली में शामिल कर सकता है।
*यदि पति व पत्नी दोनों में से कोई एक पेंशनर है एवं एक सेवारत कर्मचारी है तो एक ही जन आधार के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं अर्थात् दोनों में से किसी एक का पंजीकरण करते समय दूसरे को रेडियो बटन के माध्यम से कर्मचारी / पेंशनर प्रदर्शित कर RGHS फैमिली में शामिल कर सकते हैं।
*माता या पिता में से एक या दोनों सेवारत कर्मचारी या पेंशनर है और पुत्र भी राज्य कर्मचारी है तो इस स्थिति में माता-पिता अलग जनाधार से पंजीकरण करेंगे और पुत्र पृथक से अपना जनाधार बनवाकर पंजीकरण करेगा
*माता-पिता में से एक या दोनों सेवारत कर्मचारी या पेंशनर है और पुत्री भी राज्य कर्मचारी है तो इस स्थिति में भी माता-पिता अलग जनाधार से पंजीकरण करेंगे और पुत्री पृथक से अपना जनाधार बनवाकर पंजीकरण करेगी
*माता-पिता में से कोई भी कर्मचारी / पेंशनर्स नहीं है जबकि पुत्र-पुत्री / दो पुत्र / दो पुत्री में दोनों ही राज्य कर्मचारी हैं तो इस स्थिति में पुत्र-पुत्री / दो पुत्र / दो पुत्री दोनों का अलग-अलग जन आधार से पंजीकरण होगा। पुत्री या पुत्र दोनों में से कोई एक माता-पिता को अपनी RGHS फैमिली में शामिल कर सकता है।
*RGHS कार्ड में लाभार्थी का नाम, जन्म दिनांक या अन्य सूचना गलत होने पर पहले जन आधार में शुद्ध करवानी होगी उसके पश्चात् RGHS कार्ड में शुद्धिकरण होगा।
*RGHS “परिवार” से अभिप्राय है कि लाभार्थी के पति/पत्नी तथा कर्मचारी पर आश्रित 25 वर्ष से कम आयु की दो संतान एवं माता-पिता जो कर्मचारी के पदस्थापन स्थान पर रहते हों और जिनकी मासिक आय 6000 से कम हो ।
*RGHS “परिवार” से अभिप्राय है कि लाभार्थी के पति/पत्नी तथा कर्मचारी पर आश्रित 25 वर्ष से कम आयु की दो संतान एवं माता-पिता जो कर्मचारी के पदस्थापन स्थान पर रहते हों और जिनकी मासिक आय 6000 से कम हो।
*जिन पेन्शनर्स पर  पेन्शनर्स नियम 1996 लागू होते है उनके लिए आरजीएचएस “परिवार” से अभिप्राय है कि पेन्शनर्स के पति, पत्नी, दिव्यांग बेटा और बेटी जो पूर्णतः पेन्शनर्स पर आश्रित हो एवं सामान्यतः पेन्शनर्स के साथ रहते हो।

5. RGHS की मुख्य विशेषताएँ :- 1 जुलाई, 2021 से पात्र लाभार्थियों :-

*1 जुलाई, 2021 से पात्र लाभार्थियों को इस स्वास्थ्य बीमा सुविधा का लाभ मिलना प्रारंभ हो गया है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के लगभग 13.5 लाख परिवारों के लगभग 67.5 लाख लाभार्थियों को इन्डोर, डे-केयर, आउटडोर, मातृत्व चिकित्सा, कोविड- 19, ब्लैक फंगस और अन्य सामान्य व गंभीर बीमारियों हेतु आजीवन कैशलेस चिकित्सा सेवा सुलभ होगी। 
*1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद नियुक्त कार्मिकों को राज मेडिक्लेम पॉलिसी में बने रहने या RGHS में लाभार्थी होने के लिए दोनों में से किसी एक के चयन का विकल्प देना होगा और यदि वे RGHS योजना में सम्मिलित होने का विकल्प देते हैं तो उनके वेतन से प्रतिमाह पे मैट्रिक्स के अनुसार निर्धारित अंशदान राशि जो कि बहुत न्यून है, की कटौती की जाएगी।
*1 जनवरी, 2004 के बाद में नियुक्त राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स को RGHS में पंजीकरण करवाने पर सामान्य बीमारी हेतु 5 लाख और गंभीर बीमारी हेतु अतिरिक्त 5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा प्रतिवर्ष प्रति परिवार किया जाएगा और 20 हजार प्रतिवर्ष प्रति परिवार आउटडोर चिकित्सा हेतु देय होंगे अर्थात् इस धनराशि की सीमा में कर्मचारी वर्ष 1 में कितनी भी बार निःशुल्क चिकित्सा सेवा का लाभ उठा सकता है।     
*यदि पति-पत्नी दोनों 1 जनवरी, 2004 के बाद नियुक्त हुए हैं तो RGHS पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। यदि दोनों कटौती करवाते हैं तो दोनों को दो RGHS कार्डो पर 5-5 लाख के स्वास्थ्य बीमा का अलग अलग लाभ मिलेगा। यदि दोनों में से एक कटौती करवाना चाहता है तो RGHS फैमिली के अनुसार दोनों को एक ही RGHS कार्ड पर 5 लाख  के स्वास्थ्य बीमा का सम्मिलित लाभ मिलेगा। पति-पत्नी में से जो विकल्प देगा उसी के वेतन से कटौती होगी। जो मेडिक्लेम ही रखना चाहते हैं उन्हें RGHS पर पंजीकरण अनिवार्य है, बाद में वे में राज-मेडिक्लेम का विकल्प दे सकते हैं
*परिवीक्षाधीन कर्मचारी भी निर्धारित अंशदान कटौती के दायरे में शामिल हैं। उन्हें भी RGHS के सभी लाभ देय होंगे। लेकिन उन्हें कार्यग्रहण दिनांक से तीन महीने के अंदर पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा । 
*जनवरी, 2004 को या उसके बाद नियुक्ति प्राप्त करने वाले सेवानिवृत्त पेंशनर्स, सेवानिवृत्ति के अंतिम माह में लागू पे मैट्रिक्स में के अनुसार एक साथ 10 वर्ष के अंशदान की कटौती कराने पर आजीवन सुविधा के साथ इस योजना में शामिल हो सकते हैं     
*1जनवरी, 2004 से पहले नियुक्त कार्मिक जिनका RGHS खाता है उनके लिए RGHS पर पंजीकरण व मासिक कटौती अनिवार्य है। वे विकल्प नहीं दे सकते। इनके लिए जो कटौती RPMF के नाम से होती थी, उसे अब RGHS में बदल दिया गया है। दिनांक 1 जनवरी, 2004 के पहले से सेवारत कर्मचारी एवं पेंशनर्स के लिए पहले से जारी RPMF को RGHSF में परिवर्तित कर दिया गया है।    
*RGHS योजना में उपचार की एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्धा (आयुष) प्रणाली के अंतर्गत चिकित्सा, परामर्श व उपचार मान्य होगा।             
*GPF कार्मिकों अर्थात् जनवरी, 2004 से पूर्व के कार्मिकों हेतु RGHS अनिवार्य है जबकि 1 जनवरी, 2004 के बाद नियुक्त कार्मिकों के लिए मेडिक्लेम और RGHS में से विकल्प चुनने का अवसर है।
*सेवारत GPF कार्मिकों एवं पेंशनर्स को RGHS के तहत सामान्य बीमारी हेतु 5 लाख और गंभीर बीमारी हेतु अतिरिक्त 5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा प्रतिवर्ष प्रति परिवार किया जाएगा और असीमित आउटडोर चिकित्सा सुविधा देय होगा।*RGHS के तहत जन आधार कार्ड में विवरण न होने पर भी उस परिवार के एक वर्ष तक की आयु के बच्चे के ईलाज का भी प्रावधान है।
*कर्मचारी एवं उनके आश्रित लाभार्थी राजकीय या राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित अस्पतालों में इलाज करवा सकते हैं परन्तु आपातकालीन परिस्थितियों में गैर अनुमोदित चिकित्सालयों में भी यह सुविधा देय हो सकती है। 

6RGHS कटौती दर (1 जुलाई 2021 से प्रभावी) :-                                      

श्रेणी
सरकारी सेवकों की श्रेणी
     RGHS मासिक सदस्यता (1-1-2004 से पहले नियुक्ति )      RGHS मासिक सदस्यता (1-1-2004 को या उसके बाद नियुक्त )
1 18000 तक 265 135
2 18001- 33500 440 220
3 33501- 54000 658 330
4 54000- अधिक 875 440

7. अस्पताल में भर्ती होने के उपरान्त निम्न प्रकार आधार बोर्डिंग / अस्पताल वास की सुविधा देय है :-

श्रेणी वेतन श्रृंखला राजकीय अस्पतालों में पात्रता अधिकृत अस्पतालों में निजी पात्रता
1 36,000/- रु तक सामान्य वार्ड जनरल वार्ड
  2 36,001 रु से 63,000 /- रु तक कॉटेज अर्ध निजी वार्ड
3 63,001/- रु और उससे अधिक डीलक्स निजी वार्ड
 
सारांश

सारांशत: RGHS सभी कर्मचारियों के लिए एक वरदान के समान है। क्योंकि पहले RPMF और मेडिक्लेम जैसी योजनाओं में चिकित्सकीय पुनर्भरण की प्रक्रिया में बिल बनाना, 90 दिन की समय सीमा में कार्यवाही पूर्ण करना और चिकित्सा के बहुत समय बाद तक राशि का पुनर्भरण न होना आदि अनेक समस्याएँ आती थी जिसके कारण 95% कर्मचारी इसका लाभ नहीं उठा पाते थे परंतु RGHS में इन सभी समस्याओं का निवारण है। हमें सिर्फ अनुमोदित अस्पताल में अपना RGHS कार्ड लेकर जाना है और हमारा वांछित इलाज पूर्ण रूप से कैशलेस और समस्या रहित होगा। बहुत सी बीमा कंपनियां आउटडोर, रूटीन चेकअप, डे केयर और लाइफ सपोर्ट मशीनों का खर्च आदि को अपने बीमा प्लान में शामिल ही नहीं करती जिससे संबंधित स्वास्थ्य बीमा धारक को मानसिक व आर्थिक परेशानी होती है परंतु RGHS द्वारा कर्मचारियों के स्वास्थ्य बीमा में इन सभी चीजों को शामिल किया गया है ताकि राज्य का प्रत्येक कर्मचारी पूर्ण स्वस्थ रहे और पूर्ण मनोयोग से अपनी सेवाएँ राज्य हित में प्रदान कर सके।

कुछ प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1.क्‍या RGHS का लामार्थी बनने के लिए मैं पंजीयन स्मार्ट (एंड्राइड) फोन से भी कर सकता/ सकती हूं ?
उत्तर 1.जी हां, RGHS पर पंजीयन स्मार्ट (एंड्राइड) फोन से सरलता पूर्वक किया जा सकता है।
प्रश्न 2. लाभार्थी कितनी बार इस योजना के अन्तर्गत इलाज करा सकता है ?
उत्तर 2. परिवार के वॉलेट में उपलब्ध राशि के शेष रहने तक लाभार्थी परिवार द्वारा इस योजना में आवश्यकता अनुसार कितनी भी बार इलाज करवा जा सकता है।
प्रश्न 3.क्या RGHS में गैर अनुमोदित प्राइवेट हॉस्पिटल  से इलाज का पुनर्भरण  लिया जा सकता है ?     
उत्तर 3.आकस्मिक परिस्थितियों में कुछ बीमारियों का  उपचार गैर अनुमोदित प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाया जा सकता है। ये बीमारी निम्न हैं :-Coronary Artery Surgery, Vascular Surgery, Hodgkin’s Disease, Acute Retention of urine more than 24 hrs., Acute Myocardial infarction, Acute Pneumonitis, Acute Respiratory Distress, Cancer, renal failure i.e. failure of both the kidney, Stroke, Multiple Sclerosis, Meningitis, Major organ Transplants like Kidney ,Lungs, Pancreas, Heart, Liver or Bone Marrow, Accidents, Delivery, Tubal Pregnancy and related complication, swine flu, dengue fever, burst Appendicitis, Pancreatitis etc. can be covered under as cases of grave emergency.इसके लिए आकस्मिक परिस्थिति होने के कारणों का उल्लेख करते हुए एक शपथ पत्र देना होगा जिसे उपचार करने वाले डॉक्टर के प्रमाण पत्र द्वारा समर्थित किया जायेगा। वास्तविक खर्च एवं RGHS की निर्धारित दर में से जो भी कम होगा,का पुनर्भरण किया जाएगा।

RGHS scheme in Hindi

RGHS Rules in Hindi- आरजीएचएस

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