मेडिक्लेम बीमा पॉलिसी
- सामान्य परिचय - मेडिक्लेम पॉलिसी 1-1.2004 और उसके बाद नियुक्त राज्य कर्मियों के लिए लागू है। इसके तहत कर्मियों व उनके परिजनों को निर्धारित अधिकतम बीमा राशि की सीमा तक भर्ती रहकर इलाज कराने की सुविधा प्रदान की जाती है. राज्य सेवा में नियमित भर्ती की तिथि से राज्य कर्मचारी इस नीति का लाभ पाने का अधिकारी हो जाता है। यानी प्रोबेशन पीरियड के दौरान भी राज्य कर्मचारी को मेडिक्लेम पॉलिसी के सभी लाभ मिलते हैं।
- प्रीमियम एवं बीमा - राज्य कर्मचारियों का समस्त प्रीमियम राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। अक्सर कर्मचारियों की यह धारणा होती है कि उनके वेतन से प्रीमियम की राशि काटी जाती है। इस जानकारी के अभाव में कर्मियों द्वारा अदालती मामले भी दायर किए जाते हैं। वर्तमान में राज्य कर्मचारियों की मेडिक्लेम पॉलिसी में बीमित राशि की अधिकतम सीमा तीन लाख रुपये निर्धारित की गई है। बीमित व्यक्ति अपने और अपने परिवार के सदस्यों के इलाज के लिए एक पॉलिसी वर्ष में अधिकतम 3 लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा का लाभ उठा सकता है।
- परिवार - मेडिक्लेम पॉलिसी के परिवार की परिभाषा में कर्मचारी के पति/पत्नी, 21 वर्ष की आयु तक के अविवाहित 2 बच्चे और आश्रित माता-पिता जो आमतौर पर कर्मचारी की पोस्टिंग के स्थान पर एक साथ रहते हैं और जिनकी औसत मासिक आय है 2000/- से कम है, शामिल हैं।
- अस्पताल - मेडिक्लेम पॉलिसी के तहत कर्मचारियों को तीन तरह के अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिल सकती है.
- राज्य में स्थित सभी सरकारी अस्पताल
- राज्य के बाहर स्वीकृत अस्पताल
- स्वीकृत निजी अस्पताल
- सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियमावली, 2013 के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित चिकित्सालयों को ही पॉलिसी के अन्तर्गत विभाग द्वारा अनुमोदित किया गया है। सभी स्वीकृत अस्पतालों द्वारा राज्य सरकार और विभाग को सीजीएचएस पैकेज और दरों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का वचन दिया गया है, इसलिए वे सीजीएचएसदरों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हैं। स्वीकृत चिकित्सालयों की अद्यतन जानकारी वित्त विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
- भर्ती अवधि - मेडिक्लेम पॉलिसी का लाभ प्राप्त करने के लिए 24 घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहना आवश्यक है। 24 घंटे से कम भर्ती रहने की अवधि में किए गए उपचार के लिए कोई प्रतिपूर्ति नहीं दी जाएगी।
- डे-केयर सुविधा - कुछ बीमारियाँ ऐसी होती हैं जिनमें 24 घंटे अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती, जिसे डे-केयर के रूप में जाना जाता है, उनमें प्रतिपूर्ति की सुविधा भी होती है, जैसे डायलिसिस, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, नेत्र शल्य चिकित्सा, दुर्घटना, डेंटल सर्जरी के मामले, गुर्दे की पथरी को निकालना, डी एंड सी आदि।
- प्रतिपूर्ति की दर - बीमित कर्मियों को दावा राशि की प्रतिपूर्ति सीजीएचएस की पैकेज दरों पर किया जाएगा। जयपुर शहर के सीजीएचएस की दरें राज्य के किसी भी स्वीकृत निजी अस्पताल में इलाज पर लागू होंगी। राज्य के बाहर इलाज के लिए संबंधित शहर की सीजीएचएस की पैकेज दरें लागू होंगी।
- कैशलेस सुविधा - कैशलेस सुविधा का मतलब है कि बीमाधारक को किसी स्वीकृत निजी अस्पताल में इलाज के समय भुगतान नहीं करना पड़ता है। इलाज की राशि का भुगतान संबंधित अस्पताल को विभाग द्वारा किया जाता है। मेडिक्लेम पॉलिसी के तहत यह सुविधा केवल निम्नलिखित गंभीर बीमारियों तक ही सीमित है
- कोरोनरी धमनी सर्जरी
- कैंसर
- वृक्कीय विफलता
- आघात
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस
- मस्तिष्कावरण शोथ
- किडनी, फेफड़े अग्न्याशय, अस्थि मज्जा जैसे प्रमुख अंग प्रत्यारोपण
- अस्पताल में भर्ती होने से पहले (प्री-हॉस्पिटलाइजेशन) सुविधा - यह उस अवधि को संदर्भित करता है जिसमें बीमित व्यक्ति भर्ती होने से पहले बाह्य रोगी उपचार प्राप्त करता है। इस पॉलिसी के तहत भर्ती होने से 30 दिन पहले तक आउटडोर उपचार को रिचार्ज किया जा सकता है।
- अस्पताल में भर्ती होने के बाद (पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन) - यह वह अवधि है जिसके दौरान बीमित व्यक्ति अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद चिकित्सा देखभाल प्राप्त कर सकता है। इस मेडिक्लेम पॉलिसी में बीमित व्यक्ति अस्पताल से छुट्टी के 45 दिनों के बाद इलाज के खर्च की प्रतिपूर्ति प्राप्त कर सकता है।
- प्रसूति हितलाभ - इस नीति के अन्तर्गत बीमित कर्मचारी प्रथम दो जीवित बच्चों तक अधिकतम प्रसूति हितलाभ प्राप्त कर सकता है। एक पॉलिसी वर्ष में मातृत्व लाभ की अधिकतम सीमा 50,000 रुपये निर्धारित की गई है। मातृत्व लाभ की सीमाएं इस प्रकार हैं।
- सामान्य डिलीवरी - अधिकतम 10,000 रुपये
- सिजेरियन डिलीवरी- अधिकतम 20 हजार रु
- जटिल डिलीवरी - अधिकतम 50,000 रुपये (50 हजार की सीमा में बालक देखभाल भी शामिल है)
- वे परिस्थितियाँ जिनमें बीमित कार्मिक द्वारा मेडिक्लेम पॉलिसी का लाभ नहीं उठाया जा सकता है।
- बाहरी (आउटडोर) उपचार
- सामान्य परिस्थितियों में गैर अनुमोदित चिकित्सालय में ईलाज
- ऐसी जांचे जिनमें बीमित द्वारा 24 घंटे भर्ती रहकर ईलाज नहीं करवाया है।
- जानबूझकर स्वयं को नुकसान पहुंचाने वाले कृत्य, नशीले एवं जहरीले पदार्थों के सेवन से उत्पन्न बीमारी की स्थिति
- आंखो के चश्में, कान में लगाये जाने वाले उपकरण
- सौन्दर्य बढाने हेतु दांतों की सर्जरी एवं प्लास्टिक सर्जरी
- विटामिन एवं टाॅपिक का पुनर्भरण
- प्राकृतिक चिकित्सा
- जन्मजात विकृतियां एवं बीमारियां
- परमाणु यु़द्ध से उत्पन्न होने वाली बीमारियां आदि
- आउटडोर ईलाज