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Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996 (Adhyay 8 Kanji House) | राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 (अध्याय 8 कांजी हाउस)

Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996 

Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996

(Adhyay 8 Kanji House)

राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 

अध्याय 8
कांजी हाउस
 

115. कांजी हाउस कीपर की नियुक्ति और कर्तव्य – (1) कांजी हाउस  कीपर पंचायत द्वारा  पृथक से नियुक्त किया जा सकेगा या उसके कर्तव्य खुले  नीलाम के माध्यम से नियुक्त किसी ठेकेदार को साैंपे जा सकेंगे। कांजी हाउस कीपर का यह कर्तव्य होगा कि वहः  (कांजी हाउसों से संबंध रखने वाले निम्नलिखित अभिलेख रखेगाः– 

(1) प्रपत्र संख्या 15 में कांजी हाउस रजिस्टर 

(2) प्रपत्र संख्या 16 परिबद्व पशुओं की विशिष्टियां दर्शित करने वाली पास बुक  

(3) प्रपत्र संख्या 17 और 18 में परिबद्व पशुओं का परिदान दर्शित करने वाली पास बुक और 

(4) प्रपत्र संख्या 19 में पशुओं के स्वामी द्वारा संदत किये जाने वाले प्रभारी और विक्रय आगमों का लेखा 

(ऐसे विवरण तैयार करना जो पंचायत द्वारा समय समय पर निर्देश किये जायेंऔर 

(परिबद्व पशुओं को सुरक्षित रखना और गर्मीसर्दी ओर वर्षा से बचाने की और उन्हे खिलाने की भी व्यवस्था करना  

(2) कांजी हाउस से और परिबद्व पशुओं को खिलानेपिलाने से संबंधित सभी व्यय पंचायत निधि पर प्रभरित  किये जायेंगे और उनसे होने वाली सभी आय उस निधि में जमा की जायेंगी। 

116. पशुओं को अभिगृहित कर रखने वाले व्यक्ति – निम्नलिखित व्यक्तियों में से कोई भी किसी भी पशु का  अभिगृहीत कर या करवा सकेगा और उस पशु का  इस प्रयोजन के लिए स्थापित कांजी हाउस में चौबीस घण्टे के भीतरभीतर ला या लिवा सकेगा। 

(किसी भी ऐसी भूमिका का कृषक या अधिभोगी जिस पर उस पशु नेे अतिचार किया है और उसमें किसी भी फसल या उपज को नुकसान पहुंचाया है। 

(वह व्यक्ति जिसने किसी भी ऐसी भूमि पर जिस पर उस पशु नेे अतिचार किवा है और नुकसान पहुचाया हैं फसल या उपज को खेती के लिए अग्रिम खर्चा दिया है। 

(ऐसी फसल या उपज या उसके किसी भी भाग या उस भूमि काजिस पर पशुओं ने अतिचार किया है या नुकसान पहुंचाया हैखरीददार या बंधकदार। 

(ऐसी फसल या उपज या उसके किसी भी भाग या उस भूमि का क्रेता जिस पर उस पशु नेे अतिचार किया है और नुकसान पहुंचाया है। 

(सार्वजनिक सड़कोंखेल के मैदानोंबागानोंनहरोंजलनिकास संकर्मोतटबंधों और इसी प्रकार के स्थानों का प्रभारी व्यक्ति या कोई भी लोक सेवक जो पशुओं को ऐसी सड़कोंमैदानोंबागानोंनहरोंतटबंधों और इसी प्रकार के स्थानों या ऐसी सड़कों,नहरोंजल विकास संकर्मो तटबंधों के पार्ष्वो या ढ़लानों को नुकसान पहुंचाते हुए या उन परभटकते हुए पाये।  

(खण्ड (से (में उल्लिखित व्यक्तियों को और ऐसी भूमि की निगरानी के लिए नियुक्त कोई व्यक्तिऔर (चौकीदार और कोई भी लोक सेवक जो पशुओं को भटकते पाये। 

117. चराई आदि और जुर्मानों की दरों का संप्रदर्शित किया जाना – जुर्मानों और खिलानेपिलाने के प्रभारों की दरों की एक सूची कांजी हाउस पर या उसके निकट किसी सहजदृष्य स्थान पर लगायी जायेगी। 

118. रजिस्टर में पशुओं की प्रविष्टि – जब पशु किसी कांजी हाउस में लाये जावें तो कांजी हाउस कीपर प्रपत्र 15 में एक रजिस्टर में प्रविष्टि करेगाः– 

(पशुओं की संख्या और विवरण

(वह दिन और समय जिसको और जिस पर वे लाये गये थे

(अभिग्रहण करने वाले का नाम और निवास

(यदि ज्ञात हो तो पशुओं के स्वामी का नाम और निवासऔर 

(पशुओं की पहचान के चिह्नरंगसींग पूंछ बाल आदि। 

119. पशुओं के लिए रसीद का दिया जाना – (1) इस प्रकार लाये गये पशुओं को परिबद्ध करने के पश्चात्  कंाजी हाउस कीपर दो प्रतियों में एक रसीद तैयार करेगा और अभिग्रहण करने वाले या उसके अभिकर्ता को ऐसी रसीद की एक प्रति देगा और उसकी पावती के प्रमाण के रूप में रसीद बुक के प्रतिपर्ण पर उसके हस्ताक्षर यायथास्थिति अंगूठे का निषानअभिप्राप्त करेगा। प्रत्येक पशु का  विवरण इस प्रयोजन के लिए रखे गये  रजिस्टर  में  लिखा जायेगा। 

(2) यदि पशुओं के स्वामी का नाम ज्ञात हो तो कांजी हाउस कीपर सुविधाजनक हा तो उसे सूचित करने की व्यवस्था करेगा। 

120. वह समय जिसके दौरान पशु परिबद्व किये जा सकेंगे – पशु दिन और रात्रि के 10 बजे तक किसी भी समय इस शर्ते के अध्यधीन रखते हुए परिबद्ध किये जा सकेंगे कि पशु का  अभिगृहिती उन्हें परिबद्ध करने पर कांजी हाउस कीपर से अपनी उपस्थिति में ऐसे पशु केी एक रसीद अभिप्राप्त करेगा। 

121. पशुओं को खिलाने और जल पिलाने के समय का पंचायत द्वारा नियत किया जाना – पंचायत पशुओं को खिलाने और जल पिलाने का समय नियत करेगी और जिन पशुओं को  तो खिलाया गया है  ही जल पिलाया गया है उनके मामले में जुर्माना ही वसूलीय होगा। 

122. पशुओं को जल पिलाने की व्यवस्था – पंचायत परिबद्ध को जल पिलाने के लिए पात्रों की समुचित व्यवस्था करेगी। 

स्पष्टीकरणयह व्यवस्था उस व्यवस्था के अतिरिक्त होगी जो पंचायत नियत किये गये समय पर पशुओं को जल पिलाने हेतु ले जाने के लिए करे। 

123. स्वामी को पशु का परिदान – यदि पशु का  स्वामी या उसका अभिकर्ता 3 दिन के भीतरभीतर उपस्थित हो  जाये और पशु केे लिए दावा करेतो कांजी हाउस कीपर ऐसे पशुओं के संबंध में पंचायत द्वारा नियत किये गये जुर्मानों और प्रभारी के संदाय परउस पशु का  उसे परिदत्त कर देगा। 

(2) पशु का  स्वामी या उसका अभिकर्ता उस पशु का  वापस लेने पर रसीद के प्रमाण स्वरूप इस प्रयोजन के लिए विहित रजिस्टर में हस्ताक्षर करेगा। 

124. सदोष अभिग्रहण के आधार पर पशुओं की नियुक्ति – यदि स्वामी या उसका अभिकर्ता उपस्थित हो और  उक्त    जुर्माना और व्यय संदत्त करने से इस आधार पर इन्कार करे कि अभिग्रहण अवैध था और स्वामी परिवाद प्रस्तुत  करने वाला है तो जुर्माने और उस पशु केे संबंध में उपगत प्रभार यदि कोई हो जमा कराने पर पशु उसे परिदत्त  कर दिया जायेगा। 

125. जुर्माने आदि संदत्त करने में विफल होने पर विक्रय – यदि स्वामी या उसका अभिकर्ता उपस्थित हो और उक्त जुर्माने तौर प्रभार संदत्त या जमा करने से इन्कार करे या उसमें विफल रहे तो पंचायत द्वारा पांच दिन का नोटिस देने के  पश्चात्  पशु का  लोक नीलाम द्वारा विक्रय किया जा सकेगा। देय जुर्माने और खिलाने  तथा जल  पिलाने के  व्ययों के साथसाथ विक्रय के व्यय यदि कोई होंविक्रय के आगमों में से काट लिए जायेंगे। शेश पशु और विक्रय धन का अतिशेष यदि कोई होस्वामी या  उसके अभिकर्ता को निम्नलिखित  दर्शित  करने  वाले लेखे  के  साथ परिदत्त कर दिया जायेगाः– 

(i ) अभिगृहित पशुओं की संख्या

(ii ) वह समय जिसके दौरान वे परिबद्ध किये गये हैं

(iii ) उपगत जुर्मानों और प्रभारौं की रकम

(iv) वह रीति जिससे आगामों का व्ययन किया गया है। 

[टिप्पणी – स्वामी या उसका अभिकर्ता उसे परिदत्त किये गये पशु केे लिए और ऐसे लेखे के अनुसार उसे संदत्त किये गये क्रय धन के अतिशेष    के लिए रसीद देगा। यदि पशु का  स्वामी या उसका अभिकर्ता जुर्माने  या पशु केे संबंध में उपगत संदत्त करने या जमा कराने से इन्कार करेंतो उससे यदि संभव होएक लिखित रिपोर्ट अभिप्राप्त की जाये]

126. जुर्माने आदि की वसूली के लिए रसीद – यदि पशु का  छोड़ा जाये तो पशु केे स्वामी या उसके अभिकर्ता को प्रपत्रसंख्या 17 में रसीद की दो प्रतियों में से एक दी जायेगी और उसके द्वारा जुर्मानों या पशुओं पर उपगत प्रभारोंयदि कोई होके संदत्त किये जाने के प्रमाणस्वरूप उसके हस्ताक्षर रजिस्टर में रसीद के पीछे अभिप्राप्त किये जावेंगे। रसीद  की रकम की पिछली रसीदों की रकम में जोड़ने के पष्चात़् योग का प्राप्त हुये कुल धन के स्थान में लिखा जावेगा। यह योग प्रगामी रूप में बढ़ेगा जो केवल तब ही लिखा जायेगा जब रसीद के दोनों पर्ण तैयार कर दिये जायें। 

127. क्रेता को रसीद का दिया जाना – यदि पशु नेीलाम किये जायें तो क्र्रेता को प्रपत्र संख्या 19 में पंचायत के सरपंच  द्वारा सम्यक् रूप से हस्ताक्षरित रसीद दी जायेगी। 

128. अदावाकृत पशु – यदि पशुओं के लिएउनके परिबद्ध किये जाने की तारीख से तीन दिन के भीतरभीतर दावा  किया जाये तो कांजी हाउस कीपर रजिस्टर में प्रपत्र संख्या 15 में इस तथ्य की प्रविष्टि करेगा और उसकी रिपोर्ट पंचायत को करेगा। 

129. अदावाकृत पशुओं के संबंध में कांजी हाउस की रिपोर्ट – जो रिपोर्ट कांजी हाउस कीपर नियम 128 के अनुसार करेगा उसमें वह खिलाने के व्ययों और अन्य व्यय यदि कोई हो,  ब्यौरो की प्रविष्टि करेगा। 

130. दिन के भीतरभीतर  छोडे़ गये पशुओं का निर्वर्तन – 3 दिन के भीतरभीतर  छोड़े गये पशुओं  के बारे में  कोई रिपोर्ट प्राप्त होने पर उसकी पत्रावली खोलने के पश्चात्  निम्नलिखित कार्यवाही की जायेगी

(पंचायत इस आश य का एक नोटिस देगी की किसी  भी  व्यक्ति को जो संबंधित पशुओं के नीलामी के प्रति  आक्षेप  रखता   होउसे सही साबित  करना चाहिएऔर कोई भी आक्षेप ऐसे नोटिस में विनिर्दिष्ट कालाविधि  (जो 30 दिन से कम की नहीं होगीकी समाप्ति के पश्चात् ग्रहण नहीं किया जायेगा। नोटिस में निम्नलिखित  विषिष्टियां  अवष्य लिखी जायेंः– 

(1) पशुओं की संख्या और वर्णन

(2) वे स्थान जहाँ वे अभिगृहित किये गये थेऔर 

(3) वे स्थान जहाँ वे परिबद्व हैं। 

टिप्पणी 

ऐसे नोटिस को अभिग्रहण के स्थान के समीपतम गंाव में प्रकाशित किया जायेगा। 

(़खनोटिस को प्रकाशित करने पर पंचायत साथ ही और सश र्त ऐसे पशुओं को नीलाम करेगी और वसूल किये गये नीलामधन को निलबंन खाते में जमा करा दिया जायेगा। पशुओं के नीलाम की शर्ते निम्नलिखित होंगी– 

(1) यदि कोई आक्षेप फाइल नहीं किया जाये तो 30 दिन की कालावधि के भीतरभीतर और यदि फाईल  किया  जाये तो ऐसे आक्षेप का अंतिम  विनिश्चय  होने तक पशु का क्र्रेता पशुओं का स्वामित्व अंतिरत नहीं करेगाऔर 

(2) वह नीलाम धन और पशुओं को खिलाने के व्ययांे का संदाय किये जाने पर पंचायत को पशु लौटा भी देगा।पंरतु यदि पंचायत परिबö पशु का लोक नीलाम द्वारा विक्रयबोली लगाने वालों के अभाव कें कारण या नीलाम  विक्रय के पशु की पूरी कीमत प्राप्त  होने के कारणकरने में असमर्थ हो तो पंचायत पशु को पड़ोस की पंचायत में या पशु मेला प्रभारी को विक्रय के लिए भेज सकेगी और पश्चात् कथित व्यक्ति ऐसे पशु के संबंध में नीलाम विक्रय की कार्यवाहियां संचालित करेगा और विक्रय आगम विक्रय कार्यवाही के खर्चे काट कर पूर्वकथित को विप्रेषित कर देगा। टिप्पणी नीलाम तीन दिनों तक किया जायेगा किन्तु यदि नीलाम से पशुओं की पूरी कीमत पहले ही प्राप्त हो जाये तो तीन दिनों की ऐसी कोई भी कालावधि आवश्यकनहीं होगी। 

(यदि नोटिस की कालावधि के दौरान किसी भी व्यक्ति द्वारा कोई भी आक्षेप फाइल किया जावे तो पंचायत उससे उन पशुओं का स्वामित्व साबित करने की अपेक्षा करेगी। पंचायत पशुओं को उस व्यक्ति को लौटाने का आदेश देगी जिसने आक्षेप फाईल किया हैयदि वह  यह साबित कर दे कि पशु उसके स्वयं के हैं। 

स्पष्टीकरण– कार्यवाहियों की कालावधि के दौरान यदि पंचायत को यह समाधान हो जाये कि पशु आक्षेप फाईल करने वाले व्यक्ति के है और आगे किसी कार्यवाही की आवष्यकता नहीं है तो पंचायत यह ध्यान में रखते हुए कि खिलाने और पानी पिलाने के व्यय अनावष्यक रूप से  बढ़ेंयदि वह उचित समझेपर्याप्त प्रतिभूति पेश  करने पर पशु ऐसे व्यक्ति को परिदत्त कर सकेंगी। 

(आक्षेप फाईल करने वाले व्यक्ति कोपशुओं के परिदान के मामले में जुर्माना और खिलाने के व्यय उससे लिये जायेंगे। पशुओं के कांजी हाउस में रखने की कालावधि का जुर्माना और व्यय कांजी हाउस के लेखे में जमा करा दिये जायेंगे और खिलाने के व्ययों में से पंचायत सशर्त नीलामी के दिन तक खिलाने के ऐसे पभार संदत करेगी जो वह ठीक समझे। अतिशेष यदि कोई हैंपंचायत की निधियों में जमा करा दिया जायेगा। 

(.) किसी व्यक्ति से आक्षेप प्राप्त नहीं होने पर या पशु उस व्यक्ति के जिसने आक्षेप फाईल किये हैं साबित  किये जा सकने के मामले मेंपंचायत पशुओं के नीलाम का आदेश  देते समय जुर्माना और पशुओं को खिलाने के व्यय कांजी हाउस के लेखे में जमा करायेगी और नीलाम धन का अतिशेषयदि  केाई होपंचायत की  निधियों में जमा करा दिया जायेगा। परन्तु सशर्त नीलामपंचायत के विनिश्चय  के विरूद्ध की गई अपील का अंतिम विनिश्चय  होने के पश्चात् ही अंतिम होगा। 

131. कांजी हाउस का निरीक्षण –  कांजी हाउस ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के किसी भी अधिकारी द्वारा निरीक्षण करने के लिए खुला रहेगा। निरीक्षण के समयनिरीक्षण अधिकारी रजिस्टर  में के स्तम्भों  के योग की परीक्षा करेगा और देखेगा कि रसीद में आगामी योगों को सही रूप में लिखा गया है तथा वे पंचायत निधि में जमा रकमोंसे मेल खाते हैं। वे कांजी हाउस कीपर के पास रखी नकदीयदि कोई होकी परीक्षा  गणना भी करेंगे। 

132. खिलाने और जल पिलाने के प्रभारों का मापमान और जुर्माने की दरें – खिलाने और जल पिलाने के प्रभारों का मापमान निम्नलिखित होगाः– 

क्र.संपशु      जुर्माने की दरें  खिलाने के प्रभार (प्रतिदिन)   

1.       हाथी –         50/- रू                 150/- रू 

2.       ऊंट –           50/- रू                    50/-रू                 

3.       घोड़ा  –        50/- रू                     50/-रू          

4.       भैंस –          25/- रू                   25/-रू          

5.       गायबैल – 25/- रू                    25/-रू          

6.       गधा –         25/- रू                     25/-रू 

7.       बछ़डा –      10/- रू                     10/-रू 

8 .      बकरी –      10/- रू                     10/-रू 

9 .      भेड़ –          10/- रू                      10/-रू 

10 .    अन्य –        10/- रू                     10/-रू 

[टिप्पणी(1) पशु मेंजहाँ भी उसका उल्लेख होमादा पशु सम्मिलित होगा]

(2) स्वामियों द्वारा रात्रि में पशु को साशय चरने के लिए छोड़ने की स्थिति में जुर्माना दुगनी दर से प्रभारित किया जायेगा। ऐसे पशु को लाने वाले व्यक्ति को जुर्माने में से प्रोत्साहन के रूप में 20 रू दिये जा सकेंगे। 

133. कांजी हाउस कीपर को अग्रिम धन दिया जाना – पंचायत कांजी हाउस कीपर को प्रबंध के प्रयोजनों के लिए 100रू तक की अग्रिम रकम देगी जो परिशद पशुओं को खिलाने और  जल पिलाने की आवश्यक व्यवस्था पंचायत के पर्यवेक्षाधीन करेगा। प्रत्येक कांजी हाउस कीपर जो अग्रिम धन प्राप्त करता हैइस आशय की एक लिखित रसीद  देगा कि धन उससे शोध्य है और वह उसका लेखा देगा। ऐसी रसीद पंचायत की सुरक्षित फाइल में रखी जायेगी। ऐसे किसी अग्रिम का कोई भी अतिशेष यदि वित्तीय वर्ष की  समाप्ति पर कांजी हाउस से  शोध्य हो तो वह  प्रतिवर्ष मार्च के मासिक लेखे में दिखाया जावेगा। अग्रिम जो कांजी हाउस कीपर को  दिया जा सकेगापंचायत निधि का भाग  होगा परन्तु कांजी हाउस की दैनिक आय कांजी हाउस कीपर द्वारा अगले दिन पंचायत में जमा करा दी जायेगी। 

134. नीलामी में बोली लगाने के बारे में प्रतिषेध– पंचायत का कोई भी सदस्य या कर्मचारी नीलाम मं अपनी बोली  नहीं लगायेगा। 

135. पशु स्वामित्व किसी न्यायालय में विवादग्रस्त होने के मामले में उपबन्ध– उन मामलों में जहॉ परिबद्ध पशु का स्वामित्व किसी न्यायालय में या अन्यथा विवादग्रस्त है वहॉ न्यायालय यह निदेश  दे सकेगा कि पशु कोउतनी कालावधि के लिए काजी हाउस में रखा जाये जो उस आदेश में विनिर्दिेष्ट होऔर पशु कोखिलाने आदि के मद्दे अनुमानित  प्रभार संबंधित पक्ष द्वारा अग्रिम रूप से जमा कराये जायेंगेः 

परन्तु यदि वह पक्ष इस नियम के अधीन पंचायत द्वारा नियत राशि अग्रिम रूप में संदत्त  करे या उक्त राशि संदत्त करने के लिए ऐसा कोई भी पक्ष  हो तो न्यायालय ऐसा समुचित आदेश  पारित कर सकेगा जो वह ठीक समझे। 

Rajasthan Panchayati Raj Rules 1996 in Hindi (Chapter 8 Cattle Pounds)

 

 

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