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Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996 (Adhyay 7 karon aur Shulkon ka Adhiropan, Nirdharan aur Sangrahan) | राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 (अध्याय 7 करों और शुल्कों का अधिरोपण, निर्धारण और संग्रहण)

Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996

 Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996

(Adhyay 7 karon aur Shulkon ka Adhiropan, Nirdharan aur Sangrahan)

राजस्थान पंचायती राज नियम 1996
अध्याय 7
करों और फीसों का अधिरोपणनिर्धारण और संग्रहण 

57. कर / फीस के अधिरोपण के लिए पंचायती राज संस्था द्वारा संकल्प –                                                                    धारा 65, 66,67,68 और 69 के अधीन कोई भी कर या फीस या अधिभार उद्गृहीत करने का या किन्हीं भी दरों में वृद्धि करने का विनिश्चय  करने वाली प्रत्येक पंचायती राज संस्था इस आशय का संकल्प साधारण बैठक में पारित करेगी और उसके सार को उससे संभाव्यतः प्रभावित होने वाले व्यक्तियों की सूचना के लिए प्रकाशित करेगी। 

58. आक्षेप आमंत्रित करने के नोटिस का प्रकाशन -(1) संबंधित पंचायती राज संस्था ऐसे कर या फीस या अधिभार के अधिरोपण के प्रति आक्षेप आमंत्रित करने को ऐसी साधारण सूचना के लिए उक्त संकल्प का एक नोटिस जारी करेगी। 

(2) उपर्युक्त नोटिस की एक प्रति संबंधित पंचायतपंचायत समिति और जिला परिषद् के नोटिस बोर्ड पर लगायी  जायेगी और एक प्रति सूचना के लिए तहसीलदार और कलेक्टर को अग्रेषित की जायेगी। 

(3) पंचायती राज संस्था साधारण प्रचार के लिए स्थानीय समाचार पत्रों को प्रेस नोट भी जारी कर सकेगी। 

(4) जिला परिषद् स्टाम्प शुल्क पर अधिभार अधिरोपित करने का प्रस्ताव करते समय नोटिस की प्रति जिला  रजिस्ट्रार को तथा कृषि उपज पर अधिभार के मामले में निदेशक , कृषिविपणन और जिले में कृषि उपज मण्डी  समितियों के सचिव को भी भेजेगी। 

59. आक्षेपों के लिए कालावधि  आक्षेप फाइल करने के लिए ऐसे नोटिस की तारीख से कम से कम एक मास की कालावधि अनुज्ञात की जायेगी। 

60. आक्षेपों पर विचार – (1) नोटिस की कालावधि की समाप्ति के पश्चात  पंचायती राज संस्था  द्वारा प्रस्तावित अधिरोपण या वृद्धि से संभाव्यतः प्रभावित होने वाले व्यक्तियों से प्राप्त आक्षेपों पर उसकी साधारण बैठक में विचार किया जायेगा। 

(2) पंचायती राज संस्था प्रस्ताव का अनुमोदन उपान्तरणों सहित या रहित कर सकेगी या उन्हें अस्वीकृत कर सकेगी और उक्त कर या करों या फीसों के उद्गृहण के लिए पुनः संकल्प पारित करेगीः परन्तु यदि संकल्प धारा 65 की उपधारा (1) के खण्ड (तथा (या धारा 68 की उपधारा (2) के अधीन अधिरोपित किये जाने के लिए प्रस्तावित किसी  कर  से संबंधित हो तो राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी भी अभिप्राप्त की जायेगी।

[टिप्प्णी – अधिनियम की धारा 65(1)(), 65(1)(तथा 68(2) के तहत कर एवं चुंगी लगाने के प्रस्ताव संबंधित विकास अधिकारी के माध्यम से विभाग को भेजने होंगे। शेष धाराओं के तहत प्रस्ताव सरकार को नहीं भेजने होंगे]

61. सरकार की पूर्व मंजूरी – राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी की अपेक्षा वाले करों के अधिरोपण के मामले मेंसंबंधित पंचायती राज संस्था अपने द्वारा प्राप्त किये गये आक्षेपों के सारांश के साथसाथ उन पर अपनी टिप्पणियों  सहित अपने संकल्प की एक प्रति और एक अनुरोध पत्र राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी के लिए निदेशक , ग्रामीण विकास को भेजेगी। 

62. संकल्प का प्रकाशन और प्रवर्तन – (1) नियम 60 के उपनियम (2) के अधीन संकल्प पारित करने और राज्य सरकार का अनुमोदनयदि अपेक्षित होप्राप्त करने के पश्चात पंचायती राज संस्था निम्नलिखित को विनिर्दिष्ट करते हुए अंतिम रूप से एक नोटिस जारी करेगीः 

(इस प्रकार मंजूर किये गये कर के ब्यौरे

(वह दर जिस पर उसे उद्गृहीत किया जायेगा

(X) वह तारीख जिससे उसे निर्धारित और उद्गृहीत किया जायेगा

(कोई भी अन्य विषिष्टियां जो प्रभावित व्यक्तियों की सूचना के लिए आवश्यक हों। 

(2) ऐसा नोटिस नियम 58 में विनिर्दिष्ट रीति से प्रकाशित भी किया जायेगा। 

63. माँग की तैयारी और निर्धारित की गणना – (1) कर नियम 62 के अधीन जारी नोटिस में विनिर्दिष्ट तारीख से निर्धारित और उद्गृहीत किया जायेगा। 

(2) तहसीलदार नियम 62 के अधीन संकल्प की प्राप्ति के पश्चात संबंधित पटवारी के माध्यम से माँग को तैयार और गणना को संचालित करवायेगा। 

(3) पटवारी निर्धारणों की गणना करने के कार्यक्रम की सूचना विकास अधिकारी और पंचायत को देगा जो ऐसी  गणना और माँग की तैयारी में सहायता करने के लिए पंचायत प्रसार अधिकारीपंचों और सचिव को सहयोजित कर सकेंगे।

(4) माँग पटवारी द्वारा प्रपत्र 4 में तैयार की जायेगी। 

64. तहसीलदार द्वारा निर्धारण का अनुमोदन – (1) तहसीलदारपटवारी द्वारा करों की माँगनिर्धारण तैयार कर लिये जाने के पश्चातउसकी जाँच करवायेगा और शुद्धियांयदि कोई होंकरेगाउनका अनुमोदन करेगा और एक प्रति संबंधित पटवारी को अग्रेषित करेगा। 

(2) पटवारी अनुमोदित माँग अनुसार माँग पर्चियां संबंधित निर्धारिती का प्रपत्र 5 में जारी करेगा। 

65. करों की नियत तारीखें 

(1) नियम 64 के अनुसार निर्धारित करअप्रेल मास में पटवारी द्वारा जारी की जाने वाली माँग पर्चियों के अनुसार संगृहीत किये जायेंगेकर की रकम मई मास में वार्षिक किस्त के रूप में जमा की जायेगी। 

(2) विलंबित संदाय के लिए ब्याज जून की पहली तारीख से 12 प्रतिशत की दर से उद्गृहीत किया जायेगा। 

66. निर्धारण के विरूद्ध अपील – ऐसे निर्धारण के प्रति कोई भी आक्षेप रखने वाला कोई भी निर्धारितीयदि कर किसी पंचायत द्वारा उद्गृहीत किया गया हैतो उपखण्ड अधिकारी को और यदि कर पंचायत समिति द्वारा उद्गृहीत किया गया हैतो कलेक्टर को और यदि कर जिला परिषद् द्वारा उद्गृहीत किया गया हैतो खण्ड आयुक्त को अधिनियम की धारा 71 में अन्तर्विष्ट उपबन्धों के अनुसार अपील कर सकेगा। 

67. करों की वसूली – (1) करपटवारी द्वारा वसूल किये जायेंगे जिसे संग्रहण प्रभार के रूप में 5 प्रतिशत का संदाय संबंधित पंचायत समिति के पी.डीलेखे में या पंचायत लेखे में जमा की गई सकल कर प्राप्तियों में से ऐसी रकम की कटौती करके किया जायेगा। 

(2) ऐसे निक्षेपों के ब्यौरे चालान रसीद नम्बर , संख्याऔर तारीख को उपदर्शित करते हुए प्रति मास संबंधित तहसीलदारविकास अधिकारी और पंचायत को अग्रेषित किये जायेंगे। 

(3) पटवारीप्रत्येक पंचायत यायथास्थितिपंचायत समिति के लिए प्रपत्र 6 में माँग संग्रहण रजिस्टर भी रखेगा। प्रत्येक वर्ष के लिए एक अलग रजिस्टर या एक पृथक् प्रभाग काम में लिया जायेगा। 

(4) संबंधित पंचायती राज संस्था ऐसे करों की वसूली के लिए आवश्यक प्रपत्रों और रजिस्टरों का खर्च वहन करेगी। 

(5) यदि पटवारी द्वारा उपर्युक्त उपनियम (1) (2) (3) में यथोपबंधित करों की वसूली  नहीं की  जाये तो वे अधिनियम की धारा 70 में उपबन्धतानुसार भूराजस्व के बकाया के रूप में वसूल किये जायेंगे। 

(6) स्टाम्प शुल्क पर अधिभार जिले में ग्रामीण क्षेत्रांे में अन्तरित और जिला परिषद् के पी.डीलेखे में अन्तरित संपत्तियों के लिए उपरजिस्ट्रार द्वारा वित्त विभाग द्वारा अधिकथित प्रक्रिया के अनुसार संगृहीत किया जायेगा। 

(7) कषि उपज पर अधिभार जिले में सचिवमडी समिति द्वारा संगृहीत किया जायेगा और जिले की जिलापरिषद् के पी.डीलेखे में प्रति मास जमा किया जायेगा। 

68. फीस का उद्ग्रहण 

*(1) पंचायत जनता के प्रति की गई सेवाओं के लिए निम्नलिखित अधिकतम दरों के अध्यधीन फीस उदगृहीत   कर सकेगी– 

(I) आवेदन की फीस – 10/- रुपये

(II)निवासजातिआय आदि के लिए प्रमाणत्र के लिए – 20/-रुपये (अजाजजा के लिए 50%)

(III) नामान्तरण आदि के लिए उत्तराधिकारियों के प्रमाणपत्र – 40/-रुपये (अजा/जजा के  लिये 50%)                    

(IV) विद्युत के लिए या पाइप द्वारा जल प्रदाय के अनापत्ति प्रमाणपत्र – 40/-रुपये(अजा/जजा  के  लिये 50%)       

(V) आबादी भूमि के क्रय के लिए आवेदन – 20/- रुपये                                                    

(VI) स्थल रेखांक तैयार करने और स्थल निरीक्षण करने के लिए व्यय – 50/- रुपये           

(VII) आवेदन और मुद्रण को सम्मिलित करते हुये राशन कार्ड – 10/- रुपये                       

(VIII) 30 दिन के पश्चात जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रीकरण – 20/- रुपये                              

(IX) भवन निर्माण के लिए अनुज्ञा (पक्के निर्माण के लिये प्रति वर्ग मीटर)  2/- रुपये                

(X) पंचायत द्वारा पूर्व में ही अनुमोदित स्थल रेखांक में परिवर्धन/परिवर्तन – 100/- रुपये        

(XI)पंचायत की अनुज्ञा के बिना अप्राधिकृत निर्माण का नियमितिकरण यदि स्पष्ट हक हो मार्ग के अधिकार में रुकावट ना हो – 10/- रुपये (प्रतिवर्ग मीटर) (अधिकतम 1000/-)

(XII) पेटोल/डीजल पम्प – 2500/-रुपये (प्रतिवर्ष) 

(XIII) होटल/ढाबों/मोटर गाडी मरम्मत – 1000/-रुपये (प्रतिवर्ष)       

(XIV) कोई भी अन्य कारोबार इकाई – 200/-रुपये (प्रतिवर्ष)           

(XV) खनन के अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए संकल्प – 5000/-रुपये (प्रतिवर्ष)  

(XVI) मोबाईल टावर – 10000/-रुपये (प्रतिवर्ष)

(XVII) अतिथि गृह/ होटल/ मोटल/ विश्रामगृह  गृह के लिए फीस –                                            

(i)    कमरों तक – 1000/- रुपये (प्रतिवर्ष)                     

(ii)   से 10 कमरों के लिए – 2500/- रुपये (प्रतिवर्ष)                   

(iii)  11 से 15  कमरों तक – 4000/-रुपये (प्रतिवर्ष                       

(iv)  16  और  अधिक  कमरों के लिए – 5000/-रुपये (प्रतिवर्ष)*                              

(2) ऐसी फीसें उदगृहत करने का निश्चय करने वाली पंचायत साधारण बैठक में संकल्प पारित करेगी और पंचायत सर्किल के निवासियों से तीस दिन के भीतर आक्षेपसुझाव आमन्त्रित करते हुये सूचना पट्ट पर नोटिस प्रकाशित करेगी। 

(3) नोटिस की तारीख से तीस दिन की समाप्ति के पश्चात पंचायतउपान्तरणों सहित या रहित संकल्प पुनः पारित कर सकेगी और आगामी मास की पहली तारीख से ऐसी फीसें प्रभारित करने का विनिश्चय  कर सकेगी। 

69. मेलों पर कर और फीसें – (1) पंचायत समिति/जिला परिषद् अपनी अधिकारिता के भीतर अपने द्वारा  आयोजित और विनियमित किये जाने वाले मेलों तथा उत्सवों को विनियमित करने के लिए करों/फीसों के उद्ग्रहण का विनिश्चय  कर सकेगी। 

(2) ऐसी पंचायती राज संस्था किसी भी अधिकारी को मेला अधिकारी के रूप में पदाभिहित कर सकेगी। 

(3) यदि कोई पशुमेला आयोजित किया जायेतो रवन्ना फीस की दर संबंधित पंचायती राज संस्था द्वारा विनिश्चित  की जायेगी। 

(4) क्रेता अपने पशु का  तब तक मेला क्षेत्र के बाहर नहीं ले जायेगा जब तक कि उसने विहित फीस के संदाय के पश्चात प्रपत्र 8 में रवन्ना अभिप्राप्य  कर लिया हो। 

(4) यदि कोई भी क्रेता रवन्ना के बिना अपने पशु को मेला क्षेत्र के बाहर ले जाते हुए पाया जायेतो वह मेला अधिकारी के विवेकाधिकार पर ऐसी शास्तिजो 200 रुपये प्रति पशुसे अधिक नहीं होगीदेने का दायी होगा। 

(6) पशुओं के प्रवेश और निकासी के लिए जाँच चौकियां स्थपित की जायेंगी। मेला परिसर में प्रवेश करने वाले समस्त पशुओं के लिए मेला अधिकारी/जाँंच चौकी के प्रभारी द्वारा प्रपत्र 7 मंे प्रवेश पत्र जारी किया जायेगा। 

(7) मेले में किये गये प्रत्येक विक्रय को प्रपत्र 9 में रजिस्टर किया जायेगा और क्रेता को सम्बन्धित पंचायती राज संस्था द्वारा नियत किये गये प्रभार के संदाय करने पर उसकी प्रति जारी जायेगी।  

(8) कोई भी रवन्ना तब तक जारी नहीं किया जायेगा जब तक कि उपनियम (7) में निर्दिष्ट रजिस्टार की एक प्रति प्रस्तुत  कर दी जाये। 

70. देशी शराब पर चुंगी – *विलोपित*

*[राजपंचायती राज (तृतीय संशोधननियम, 2011संख्या एफ.4(7) संशों / नियमविधि पंरा./ 2010/ 1348
दिनांक 12.08.2011 द्वारा नियम हटाया गया राजपत्र भाग 4(दिनांक 18.8.2011 को प्रकाशित] 

71. सिनेमा/थियेटर/विडियो शॉप पर मनोरंजन कर – (1) पंचायत समिति अधिसूचना संख्या एफ.8(76) एफडी/जीआर-4/73 दिनांक 9.3.1976 के अनुसार प्रति व्यक्ति टिकट की कीमतप्रभारांे क़े एक रुपया से अधिक  होने पर  100% की दर से मनोरंजन कर वसूल करेगी। यदि नियमित टिकट जारी नहीं किये जायें तो टिकटों की रकम प्रतिमास निर्धारित की जाये और तद्नुसार 100% कर वसूल किया जाये। 

(2) यदि शोध्य रकम माँग पर जमा नहीं कराई जाये तो यह जिला कलेक्टर की मार्फ़त भूराजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जायेगी। 

72. व्यापारीआजीविकाओंव्यवसायों और उद्योगों पर कर की अधिकतम दरें 

(1) पंचायत समिति निम्नलिखितानुसार अधिकतम के अध्यधीन रहते हुए कर उद्गृहीत कर सकेगीः– 

(I) अधिवक्ता –  300/- प्रतिवर्ष                                          

(II) आइल प्रेसकॉटन प्रेसमुद्रण प्रेसभाण्डागार और  अन्य उद्योग (कुटीर उद्योगों के सिवाय) – 1000/- प्रतिवर्ष 

(III) साहूकार – 1000/- प्रतिवर्ष                                       

(IVथोक और खुदरा व्यापारीनीलामी कर्ताठेकेदारकमीशन अभिकर्ताआढतियेकर्मषालायें – 500/- प्रतिवर्ष                    

(V) क्लिनिकनर्सिंग होमनिजी अस्पताल – 300/- प्रतिवर्ष                 

(VI) निजी व्यवसायीवैद्यहोम्योपैथदन्त चिकित्सक,  पशु शल्य चिकित्सक –  150/- प्रतिवर्ष 

(VII) वास्तुकार/अभियन्ता – 300/- प्रतिवर्ष                                        

(VIII) होटललीजिंग हाऊस चलाने वाले – 500/- प्रतिवर्ष                            

(IX) अखबारों के सम्पादक/स्वामी –  250/- प्रतिवर्ष                       

(X) व्यवसायिक कलाकारफोटो ग्राफरअभिनेतानर्तकसंगीतज्ञ – 120/- प्रतिवर्ष                  

(XI) सरकस/सिनेमा/विडियो शॉपों के स्वामी  – 100/- प्रतिवर्ष  (टिकटों के विक्रय पर  100% मनोरंजन कर के  अतिरिक्त          

(XII) पशुओंयानोंडेयरी के व्यवहारी –  250/- प्रतिवर्ष        

(2) नियम 58 से 60 तक में उपबंधित करों के अधिरोपण की प्रक्रिया का अनुसरण किया जायेगा, सिवाय इसके कि इसमें सरकार की पूर्व मंजूरी अपेक्षित नहीं होगी।             

भवन कर

73. भवन कर – धारा 165 की उपधारा (1) के खण्ड (के अधीन भवनों पर कर पंचायत सर्किल के भीतर के भवनों पर उद्गृहणीय होगा और निम्नलिखित सीमाओं से अधिक नहीं होगाअर्थात्– 

                                                  प्रतिवर्ष कर की अधिकतम रकम 

(I) जहॉं निर्मित पक्की छत का क्षेत्र 500 वर्ग फुट तक का हो – 100/- रु

(II) जब क्षेत्र 501 से 1000 वर्ग फुट तक का हो – *300/-रु.*                     

(III) जब क्षेत्र 1001 से 2000 वर्ग फुट तक का हो – *500/-रु.*                  

(IVजब क्षेत्र 2000 वर्ग फुट से अधिक का हो – *1000/-रु.*                       

परन्तु ऐसे घरों के लिए कोई भी कर संदेय नहीं होगा जो पत्थर/ईंटों से संनिर्मित्त नहीं है या जिनकी छत पत्थर की पट्टियों/आर.सी.सीकी नहीं है।

74. कर से छूट – 

(1) अधिनियम में या इन नियमों में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी सरायोंधर्मषालाओंपुस्तकालयोंविद्यालयोंऔषधालयोंवाचनालयों और धार्मिक तथा पूर्त प्रयोजन के लिए प्रयुक्त भवनों पर कोई भी कर उद्गृहीत नहीं किया जायेगातथापि यह इस उपबंध के अध्यधीन होगा कि उनसे या उनके किसी भी भाग से कोई भी किराया अर्जित  किया जाये। 

(2) किसी पंचायत सर्किल के भीतर केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के सभी भवनों को तथा ऐसे सभी भवनों कोजो किसी पंचायत या किसी पंचायत समिति या किसी जिला परिषद् या किसी नगरपालिकाओं बोर्ड के होंया उनमें निहित होंनियम 73 के अधीन भवन कर के भुगतान से छूट दी जायेगी। 

(3) कच्चे घरोएकीकृत गा्रमीण विकास कार्यक्रम के चयनित परिवारोंइन्दिरा आवास और ऐसे पक्के घरों पर जिनका फर्ष क्षेत्र 200 वर्ग फुट से कम का हो कोई भी भवन कर उद्गृहीत नहीं किया जायेगा। 

75. निर्धारण सूची तैयार किया जाना 

(1) पंचायतभवन कर के प्रयोजनार्थपंचायत सर्किल के भीतर अवस्थित भवनों पर कब्जा या

यथास्थितिस्वामित्व रखने वाले अधिभोगियों/स्वामियों की एक सूची तैयार करवायेगी। 

(2) सूची में पक्के निर्माण और कच्चे निर्माण का क्षेत्र पृथक्पृथक् अन्तर्विष्ट होगा।  

(3) किराये की आययदि कोई होभी उपदर्शित की जा सकेगी। 

(4) यदि भवन नियम 74 के अनुसार छूट प्राप्त प्रवर्ग का है तो इस तथ्य का उल्लेख निर्धारण सूची में किया जाना चाहिए। 

(5) कर नियम 73 में विनिर्दिष्ट अधिकतम दरों के भीतरभीतर पक्के घरों के क्षेत्र के अनुसार  निर्धारित किया जायेगा 

76. निर्धारण सूची का प्रकाशन 

(1) नियम 75 के अधीन तैयार की गई निर्धारण सूची को उसकी एक प्रति निर्धारण सूची के प्रकाशन की तारीख से 15 दिन के भीतरभीतर उसके प्रति आक्षेप आमन्त्रित करने के एक नोटिस के साथ पंचायत के नोटिस बोर्ड पर लगाकर प्रकाशित की जायेगी। 

(2) इस आशय की एक घोषणा सम्पूर्ण पंचायत सर्किल में डोंडी पिटवाकर की जायेगी कि सूची इस प्रकार प्रकाशित कर दी गई है और पंचायत कार्यालय में उसका निरीक्षण किया जा सकता है और निर्धारण सूची के प्रकाशन की तारीख से 15 दिन के भीतरभीतर पंचायत में उसके प्रति आक्षेप फाइल किये जा सकते हैं। 

(3) पंचायत ऐसे किन्हीं भी आक्षेपों की सुनवाई करेगी जो उक्त कालावधि के भीतरभीतर किये जायें और सरपंच द्वारा निर्धारण सूची का संषोधन यदि आवश्यकहो तो किया जायेगा और वह हस्ताक्षरित की जायेगी। 

(4) इस प्रकार अन्तिम रूप प्रदत्त निर्धारण सूची की एक प्रति पंचायत के नोटिस बोर्ड पर चिपकायी जायेगी। 

77. भवन कर की वसूली – भवनकर 1 अप्रेल से प्रारम्भ होने वाले सम्पूर्ण वर्ष के लिए अग्रिम तौर पर वसूल किया  जायेगा। 

चुंगी 

78. चुंगी चौकियां और चुंगी सीमाएं – यदि कोई पंचायत धारा 65 की उपधारा (1) के खण्ड (के अधीन कोई  चुंगी अधिरोपित करने का विनिश्चय करे तो चुंगी सीमाएं पंचायत सर्किल की बाह्य सीमाएं होंगी और पंचायत– 

(वे मार्ग वर्णित कर सकेंगी जिनसे चुंगी के दायित्वाधीन माल और पशुचुंगी सीमाओं के भीतर लाये जावेंगेऔर 

(,ऐसी चुंगी चौकियॉंजो वह आवश्यकसमझेप्रत्येक ऐसी चौकी को पंचायत के प्रभाराधीन रखते हुए स्थापित कर सकेगी और उनके लिए ऐसा अन्य स्थापनजो वह ठीक समझेकर सकेगी। 

(चुगी की दर वस्तुओं की कीमत के आधे प्रतिशतसे अधिक दर से अधिरोपित नहीं की जावेगी। आधे प्रतिशत से अधिक दर पर चुंगी अधिरोपित करने हेतु राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त की जावेगी। 

(पांच लाख से अधिक स्थायी पंूजी निवेश वाले उपायों पर चुंगी लगाने से पहले राज्य सरकार की पूर्व अनुमति प्राप्त करना आवश्यकहोगा। 

[टिप्पणी – राज्य सरकार के आदेश अनुसार चुंगी समाप्त की जा चुकी है।]  

79. माल और पशु लाने वाले व्यक्तियों के कर्तव्य 

(1) चुंगी सीमाओं के भीतरचुंगीसंदाय करने के दायित्वाधीन माल या पशुओं को लाने वाले या प्राप्त करने वाले सभी व्यक्ति चुंगी कर्मचारी को उद्गृहीण चुंगी शुल्क की रकम अभिनिष्चतनिर्धारित और संगृहीत करने में समर्थ बनाने के लिए माल या पशुओं से सम्बंधित ऐसे समस्त बिलबीजकरसीदें या ऐसी ही प्रकृति के अन्य दस्तावेजजो उनके कब्जे में होप्रदर्षित या प्रस्तुत करेंगे और ऐसे व्यक्ति अपने माल का मूल्यांकन कराने के प्रयोजनार्थ चुंगी कर्मचारी को हर सुविधाएं उपलब्ध करायेंगे और जब अपेक्षा की जाये तो उन्हें उन पर चुंगी शुल्क के निर्धारण या संग्रहण केऐसे शुल्क के संदाय की जाँच या इन नियमों के किसी भी अन्य उपबंधों के क्रियान्वयन के प्रयोजनार्थ सम्पूर्ण माल या पशुओं या उनके किसी भी प्रभाग का निरीक्षणवजनपरीक्षामापन या अन्यथा मूल्यांकन अथवा व्यवहार करने देंगे। 

(2) शुल्क्य माल या पशुओं को लाने वाले व्यक्ति के कब्जे में कोई भी बीजक या बिल या अन्य सुसंगत दस्तावेज के  होने या उनमें दर्शाये गये मूल्य को चुंगी कर्मचारी द्वारा स्वीकार नहीं किये जाने की स्थिति में ऐसे व्यक्ति स्वयं द्वारा एक घोषणा कर और हस्ताक्षरित की जायेगी और माल या पशुओं को बाजार कीमत के अनुसार उन का बाजारो में मूल्याकन कराने के पश्चात चुंगी उद्गृहीत की जायेगी।

80. माल का निरीक्षण – प्रत्येक व्यक्तिमाँग किये जाने परकिसी भी चुंगी कर्मचारी को  अपने कब्जे के माल का निरीक्षण करने देगा। 

81. चुंगी का निर्धारण – जहाँ कोई मूल्यानुसार चुंगी उद्गृहणीय हो वहाँ उसकी रकम की गणनामाल या पशुओं के मूल बिल या बीजक अन्य दस्तावेजां में दिये गये पूर्ण मूल्य के अनसु ार यायथास्थितिउनकी बाजार कीमत पर की जायेगीपरन्तु पंचायत किसी सहकारी सोसाइटी द्वारा परिवहित कराये गये माल पर प्रतिमास तयषुदा दरों पर चुंगी अधिरोपित कर सकेगीपरन्तु यह और कि पंचायतपंचायत सर्किल में स्थित किसी भी उद्योग द्वारा प्रसंस्करण के प्रयोजनार्थ आयात किये गये माल पर चुंगी शुल्क मासिक रूप से तयषुदा दरों पर अधिरोपित और वसूल कर सकेगी तथापिइस शर्त के अध्यधीन की आयात के प्रयोजन को सम्बन्धित जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक द्वारा सत्यापित किया जाये। 

स्पष्टीकरण-‘‘पूर्ण मूल्य‘‘ में रेल भाडाकमीशन या अन्य आनुषंगिक प्रभार सम्मिलित नहंी हैं। 

82. चुंगी का संदाय – (1) चुंगी किसी चुंगी चौकी के प्रभारी अधिकारी द्वारा माँंगे जाने पर संदेय होगी। 

(2) चुंगी के दायित्वाधीन माल या पशुओ पर चुंगी शुल्क किसी चुंगी चौकी या पंचायत कार्यालय पर संदत्त की जावेगी। 

(3) जहाँ कोई भी चुंगी  हो वहाँं आयातकर्ता आयातित माल के मूल्य की एक घोषणा फाईल करेगा और वास्तविक वाउचरों के आधार पर सरपंच या सचिव का समाधान करेगा।  

(4) किसी चुंगी चौकी का प्रभारी कर्मचारी या सचिव संदाय किये जाने पर  प्रपत्र 10 में दो प्रतियों में एक रसीद  लिखेगा जिसकी एक प्रति आयातकर्ता को दी जायेगी और दूसरी रसीद पुस्तिका में प्रतिपर्ण के रूप में रहेगी। 

(5) पंचायत क्षेत्र में नियमित कारबार करने वाले व्यापारी भी मासिक आधार पर आयात किये जाने के लिए संभावितमाल के मूल्य को घोषित कर सकेंगे और अग्रिम रूप से चुंगी जमा करा सकेंगे। पंचायत ऐसे  माल के  वास्तविक  मूल्य को वाउचरांे में/व्यापारी द्वारा किये गये विक्रय के आधार पर निर्धारित करने के लिए स्वतन्त्र होगी। 

83. रेल या मोटर परिवहन अभिकरण द्वारा लाया गया माल – (1) रेल से लाया गया माल या पशु  जैसे ही  रेल्वे के माल या सामान 

यार्ड से बाहर जायेंचुगी की सीमाओं में प्रविष्ट हुये समझे जायेंगे और तब वे उसी रीति से चुंगी शुल्क के दायित्वाधीन होंगे जिससे सड़क द्वारा लाये जाने वाले माल या पशु होते हैं। 

(2) मोटर परिवहन अभिकरणों या परिवहन के अन्य साधनों द्वारा लाया गया माल या पशुचुंगी शुल्क के दायित्वाधीन होंगेयदि वे चुंगी चौकी पर इस प्रकार दायित्वाधीन हैंया जहाँ ऐसी कोई भी चौकी नहीं हैं वहाँं चुंगी शुल्क पंचायत कार्यालय में संदत्त किया जायेगा।  

84. डाक से प्राप्त माल – (1) डाकपार्सलों से प्राप्त मालयदि वह चुंगी के दायित्वाधीन हैपंचायत कार्यालय  में  पेश  किया जायेगा और उस पर चुंगी की रकम नियम 82 के उपनियम (4) के अनुसार निर्धारितवसूल और  संदत्त की जायेगी। 

(2) पंचायत डाक प्राधिकारियों के साथ ऐसी व्यवस्थाएं कर सकेगी जिनके द्वारा डाकपार्सलों से प्राप्त  समस्त माल की सूचीप्रेषितियों के नामों के साथपंचायत कार्यालय पर अभिप्राप्त की जा सकेगी और यदि ऐसा कोई भी पार्सल उस पार्सल की प्राप्ति के एक मास के भीतरभीतर पंचायत कार्यालय में  पेश नहीं किया  जायेंतो  पंचायत प्रेषिती के विरूद्ध ऐसे कदम उठा सकेगी जो उपविधियों में उपबंधित किये जायें। 

85. तुरंत परिवहन के लिए माल – (1) यदि चुंगी चौकी के प्रभारी व्यक्ति को यान के डाइवर के पास की माल रसीद के आधार पर यह समाधान हो जाय कि माल पंचायत की सीमाओं के बाहर तत्काल परिवहन किये जाने के लिए हैतो  वह माल के पंचायत सीमाओं के बाहर सुरक्षित परिवहन के लिए प्रपत्र 11 में ऐसी रकम प्रभारित करेगा जो पंचायत द्वारा नियत की जाये।  

(2) अभिवहन की कालावधि साधारणतया चार घण्टे से अध्ािक की नहीं होगी किन्तु यान के ठप्प हो जाने आदि की दशा में सरपंच उसमें 24 घण्टे तक की यथोचित छूट दे सकेगा।  

(3) यदि कोई यात्रा अभिकर्ता कोई माल विक्रय या प्रदर्षन के लिए लायेतो वह देय चुंगी शुल्क जमा करायेगा किन्तुअविक्रीत और  पंचायत सीमा के बाहर परिकृष्त माल के लिए प्रतिदाय का दावा 7 दिन के भीतरभीतर  कर सकेगा। 

(4) यदि पंचायत सर्किल में निवास करने वाला कोई यात्रा अभिकर्ता विक्रय के लिए माल ले जायेतो वह चुंगी चौकीपर दो प्रतियों में वस्तुओं की एक पूर्ण सूची देगा। एक प्रति अभिकर्ता को सम्यक् रूप से सत्यापित करके लौटा दी जायेगी। यदि वह 15 दिन की कालावधि के भीतरभीतर सम्पूर्ण माल या उसका कोई भाग वापस लायेतो  यदि माल  वहीं हो जो उस सूची में उल्लिखित किया गया था तो कोई भी चुंगी प्रभारित नहीं  की जायेगी। 

86. चुंगी में छूट – इन नियमों में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भीचुंगी निम्नलिखित माल पर उद्गृहित नहीं की  जायेगीअर्थात्ः– 

(1) गोबरर्इंधनघासचारा और शाखा काष्ठ के सिर पर ले जाये गये भार

(2) ऐसा माल जिस पर संदेय चुंगी एक रुपये से कम हो

(3) सेना केया राज्य या केन्द्र सरकार के पुलिस या किन्हीं भी अन्य विभागों के उपयोगार्थ आयुध

(4) पंचायत सर्किल में विनिर्मित या उत्पादित वस्तुएँ

(5) किसी व्यक्ति द्वारा पंचायत सर्किल के भीतर अपने निवास पर रहने के लिए आने के अवसर पर आयात किया गया सद्भाविक वैयक्तिक और घरेलू माल

(6) किसी बारात के फीते सहित या रहित पहनने के वस्त्रबर्तनउपस्कार और खाने की वस्तुएॅं

(7) किसी पंचायत सर्किल के नये उद्योग स्थापित करने या उनके विस्तार के प्रयोजनार्थ या विद्यमान उद्योगों में की  मषीनरी के नवीनीकरण या मरम्मत के लिए आयात की गयी मषीनरीयदि आयातकर्ता राज्य के उद्योग विभाग से  ऐसे आयात के प्रयोजन को सत्यापित करने का कोई प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर दे

(8) पंचायत सर्किल में आयात किया गया उर्वरक

(9) नये उद्योगों को स्थापित करने या विद्यमान उद्योगांे के विस्तार के प्रयोजनार्थ किसी भी पंचायत सर्किल में लायी गयी समस्त संरचना सामग्रीकच्ची सामग्री और संनिर्माण सामग्री निदेशक , उद्योग राजस्थानजयपुर या उनके सम्यक् रूप से प्राधिकृत प्रतिनिधि से यह प्रमाणपत्र  पेश  करने के अध्यधीन रहते हुए कि ये मदें  पूर्वोक्त प्रयोजनों के लिए आवश्यक हैपरन्तु छूट निदेशक  उद्योग विभाग द्वारा दिये जाने वाले प्रमाणपत्र के अध्यधीन रहते  हुएउद्योग की स्थापना/विस्तार की तारीख से 7 वर्ष की कालावधि के लिए उपलभ्य होगी

(10) राज्य सरकार के विशेष आदेश द्वारा किसी अन्य वस्तु के लिये दी गई छूट। 

स्पष्टीकरणः– (1) संनिर्माण सामग्री पर छूट कारखाना शैडकार्यालय भवन और चौकीदारी के क्वार्टरों के संनिर्माण में प्रयुक्त  सामग्री पर लागू होगी। यह अन्य प्रवर्गो पर लागू नहीं होगी।  

(2) कच्चे माल में पैकिं