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Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996 (Adhyay 14 Vahanon ka Upyog) | राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 (अध्याय 14 वाहनों का उपयोग)

Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996 (Adhyay 14 Vahanon ka Upyog) | राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 (अध्याय 14 वाहनों का उपयोग)
Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996

Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996

(Adhyay 14 Vahanon ka Upyog)  

राजस्थान पंचायती राज नियम 1996

अध्याय 14 

वाहनों का उपयोग

303. नियंत्रक अधिकारी – पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के उपयोग के लिए उपलब्ध कराए गए वाहन क्रमषः विकास अधिकारी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी के नियंत्रणाधीन होंगे जो इस प्रकार उपलब्ध कराए गए वाहनेां के सम्बन्ध में नियंत्रक अधिकारी होंगे। नियंत्रक अधिकारी वाहनेां के उचित उपयोग, देखभाल एवं रख-रखाव के लिए उत्तरदायी होगा तथा इन नियमों के अनुसार यात्राओं को विनियमित करेगा।
वाहनों के रख-रखाव 
304. नम्बर प्लेटें – (1) पंचायत समितियां एवं जिला परिषदों के समस्त वाहनों में, नम्बर प्लेटों के अलावा, उनके सामने के तथा पीछे के भागों में पंचायत समिति या जिला परिषद् के, जिसको वह आवंटित की गयी है, नाम का उल्लेख करते हुए प्लेटें लगाई जायेंगी।
(2) वाहनेां की पंजीकृत संख्या को सभी प्रकार के वाहनों पर स्पष्ट एवं विभेदात्मक ढंग से पेंट कराया जायेगा।
305. वाहनो का अभिलेख – अपनी नियन्त्रण के अधीन प्रत्येक वाहन के सम्बन्ध में, नियंत्रक अधिकारी निम्न को संधारित करने केलिए उत्तरदायी होगा-
(क) प्रपत्र सं. 41 में एक लॉग बुक,
(ख) प्रपत्र सं. 42 में एक रजिस्टर जिसमें उपभोग किए गए पेट्राल या डीजल, आयल की लागत को तथा अन्य आकस्मिक प्राप्तियों एवं  व्ययों को दिखाया जायेगा,एवं
(ग) प्रपत्र संख्या 43 में उपकरणों की एक सूची!
306. पेट्रोल/डीजल/तेल की खपत के संबंध में सावधानियां (1) वाहनों के पेट्रोल/डीजल या पावरिन की टंकियों पर ताले फिट किए हुए होंगे तथा उनकी चाबियां नियंत्रक अधिकारी या उसके द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी के कब्जे में रखी जायेंगी तथा उसे टैक में पेट्रोल, डीजल या पावरिन  डालते समय उपस्थित रहना चाहिये।
(2) लाग पुस्तिका की जांच किसी उत्तरदायी अधिकारी द्वारा प्रत्येक माह के अन्त में की जायेगी तथा उसके द्वारा उस पर हस्ताक्षर किए जायेंगे जिसमें माह के दौरान उपभोग किए गए कुल ईंधन (फ़यूल) या आयल को, कुल तय की गई दूरी को तथा उपभोग किए गए प्रति लीटर ईंधन या आयल में औसत किलोमीटर को दिखाया जायेगा। इसे बाद में नियंत्रक अधिकारी के पास पस््र तुत किया जायेगा जो इसकी जांच करेगा तथा अपने आपको सन्तुष्ट करेगा र्कि इंधन (फ़यूल) या आयल का औसत उपभोग उचित है तथा वह उस पर अपने प्रति हस्ताक्षर करेगा। यदि ईंधन (फ़यूल) या आयल का उपभोग अधिक हो तो वह इसके कारणों की जांच करेगा, उचित कदम उठायेगा।
307. वस्तु सूची (इन्वेंटरी) निरीक्षण – माल सूची की जांच प्रत्येक छह माह में नियंत्रक अधिकारी द्वारा या तत्प्रयोजनार्थ उसके द्वारा प्रतिनियुक्त किसी उत्तरदायी अधिकारी द्वारा की जायेगी तथा लापरवाही या दोष (डिफाल्ट) के कारण यदि कोई हानी होती है तो उसकी सम्बन्धित व्यक्ति से वसूली की जायेगी। निरीक्षण नियंत्रक अधिकारी के अलावा अन्य किसी अधिकारी द्वारा दिया जाता है, तो निरीक्षक के बाद प्रतिवेदन को तुरन्त नियंत्रक अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।
308. वाहनों की जांच (टेस्टिंग) एवं सर्विसिंग – (1) नियंत्रक अधिकारी प्रत्येक वाहन की हर यात्रा के लिए उसकी फिटनेस के सम्बन्ध में जांच कराएगा तथा उसकी रिपोर्ट को अभिलेख में रख्ेागा।
(2) वह पंचायत समिति या जिला परिषद् को, जैसी भी स्थिति हो, हर छठे माह एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा जिसमंे प्रत्येक वाहन के चलने एवं उसके रख-रखाव पर किए गए व्यय का उल्लेख करेगा।
(3) प्रत्येक वाहन 1500 किलोमीटर चलने के बाद सर्विस कराई जाएगी तथा उसको लुब्रिकेट आदि किया जायेगा।
(4) सम्बन्धित पंचायत समिति या जिला परिषद्, जैसी भी स्थिति हो, द्वारा एक संकल्प पारित कर यह निष्चित किया जायेगा कि किस स्थान पर सर्विस या लुब्रिकेषनया मरम्मत के लिए वाहन को ले जाया जायेगा।
309. पद के खाली रहने के वाहन को संभालना – नियत्रंक अधिकारी के पद के रिक्त को जाने पर वाहन को मय उपकरणों, स्पेयर, पाटर््स, स्पेयर व्हील्स, टायरों एवं टूल्स के, तथा नियम 305 में वर्णित अभिलेख के साथ उसके उत्तराधिकारी को संभलवा दिया जायेगा। वाहन संभलाने व संभालने का प्रमाण पत्र कार्यभार संभालने वाले प्राधिकारी द्वारा तैयार किया जायेगा तथा नियम 305 में दिए गए तीनों में से प्रत्येक अभिलेख पर उनके द्वारा हस्ताक्षर किये जायेंगे।
310. मीटर – प्रत्येक वाहन में एक मीटर फिट किया जायेगा, तथा ट्रैक्टरों के मामले में एक हरवर मीटर फिट किया जायेगा। नियन्त्रक अधिकारी का यह देखने का दायित्व होगा कि मीटर उचित काम करने की दशा में रखे जाते हैं। जैसे ही कोई मीटर खराब हो जाये तो उसकी मरम्मत कराने या उसे बदले जाने के लिए, जैसी भी स्थिति हो, उपाय किये जाने चाहिए। नियंत्रक अधिकारी यह सुनिष्चित करेगा कि मीटर को खराब नहीं किया गया है।
311. लॉग बुक में प्रविष्टि – (1) वाहन को काम लेने वाले व्यक्ति अपने स्वयं के हाथ से लॉग बुक में यात्रा प्रारम्भ करने के समय तथा यात्रा के पूरा होने के समय मीटर रीडिंग को अंकित करेगा। वह यह भी उल्लेख करेगा कि क्या यात्रा कार्यालयीय प्रयोजनों के लिए की गयी थी, यदि हां तो यात्रा के उद्देष्यों को संक्षेप में अभिलिखित किया जायेगा। केवल इतना उल्लेख करना ही पर्याप्त नहीं होगा कि यात्रा सरकारी थी।
(2) जब वाहन में एक से अधिकारी साथ-साथ यात्रा करें तो उनमें वरिष्ठतम अधिकारी लॉग बुक में इन्द्राज करेगा।
(3) यदि कोई अधिकारी उसके द्वारा की गई यात्रा का विवरण नहीं लिखता है या लिखने से मना करता है तो उस तथ्य की सूचना वाहन के ड्राइवर द्वारा तुरन्त नियंत्रक अघिकारी को देनी चाहिए।
312. बीमा – सभी वाहनों का तृतीय पक्ष के जोखिम के विरूद्ध राज्य बीमा विभाग के पास या किसी रजिस्टर्ड बीमा कम्पनी के पास बीमा कराया जायेगा। वाहनों का उपयोग
313. वाहनों के उपयोग पर प्रतिबन्ध – (1) यान पंचायत समिति या, यथास्थिति, जिला परिषद की अधिकारिता के भीतर-भीतर सदभाविक पदीय कर्तव्य हेतु उपयोग के लिए आषयित हैं। यान पंचायत समिति या, यथास्थिति , जिला परिषद की अधिकारिता के बाहर निदेशक  गा्रमीण विकास और पंचायत राज्य की पूर्वानुमति के बिना उपयोग में नहीं लिये जायेंगे सिवाय इसके कि वे मरम्मत या सर्विसिंग के लिए नियम 308 के उप-नियम 4 के अधीन सम्यक रूप से अनुमोदित स्थानों को ले जाये जा सकेंगे। पंचायत समिति के यानों का उपयोग जिला मुख्यालयों पर बैठकों में उपस्थित होने के लिए, जिला स्तर के अधिकारियों, प्रमुख और विकास विभाग के मुख्यालय अधिकारियों को पडौस के खण्ड मे छोडने के लिए भी किया जा सकेगा।
(2) पंचायत समिति/ जिला परिषद के यानों का  जन प्रतिनिधियों द्वारा उपयोग राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी आदेषों के अनुसार किया जा सकेगा।
314. यानों के उपयोग के लिए शर्ते – (1) पंचायत समितियों एवं जिला परिषदों के अघ्यक्षों एवं उक्त पंचायती राज संस्थाओं की स्थायी समितियों के अध्यक्ष के अतिरिक्त पंचायत समिति के मामले में विकास अधिकारी और प्रसार अधिकारी तथा गा्रमीण विकास और पंचायती राज विभाग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी/अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी और  मुख्यालय के अधिकारी, उप नियम (2) के प्रावधानों के उपंबधों के अध्यधीन रहते हुए पदीय प्रयोजनों के लिए यानों का उपयोग करने के लिए हकदार हैं।
(2) यानों का उपयोग निम्नलिखित शर्तो के अध्यधीन होगा-
(1) यानों का उपयोग मुख्य रूप से पंचायत समिति या जिला परिषद के विकास कार्याे और अन्य क्रियाकलापों के निरीक्षण के लिए किया जायेगा।
(2) यानों का उपयोग निवास स्थान से कार्यालय को जाने और लौटने के लिए नहीं किया जायेगाः परन्तु जब कभी पंचायत समिति के क्षेत्र के भीतर गम्भीर बीमारी के किसी भी मामले की रिपोर्ट दी जाये और अस्पताल के द्वारा रोगी को ले जाने के लिए कोई भी रोगीवाहन उपलब्ध नहीं कराया जाये तो यान को ऐसे प्रयोजन के लिए 2.60 रू प्रति कि.मी की दर से या राज्य सरकार द्वारा समय समय पर अवधारित प्रभारों का संदाय किये जाने पर लगाया जा सकेगा।
(3) यानों का ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग मुख्यालय अधिकारियों द्वारा भी उपयोग किया जा सकेगा।
315. वाहन केवल ड्राइवर द्वारा चलाए जायेंगे – वाहन केवल उसके प्राधिकृत डाइवर द्वारा चलाया जायेगा। पंचायत समिति या जिला परिषद का केाई भी सदस्य या उसका अधिकारी वाहन नहीं चलायेगा।

Rajasthan PanchayatI Raj Rules 1996 in Hindi (Chapter 14 Use of Vehicles)

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