Rajasthan Panchayati Raj Niyam 1996
(Adhyaay 2 Gram Sabha evm Satarkata Samiti
राजस्थान पंचायती राज नियम 1996
(अध्याय 2 ग्राम सभा एवं सतर्कता समिति)
Rajasthan Panchayati Raj Rules 1996 in Hindi (Chapter 2 Gram Sabha and Vigilance Committee)
ग्राम सभा और सतर्कता समिति
3. ग्राम सभा और उसकी बैठकें – किसी पंचायत का सरपंच या उसकी अनुपस्थिति में उप सरपंच अधिनियम की धारा 7 में वर्णित कृत्यों का पालन करने के लिए प्रति वर्ष कम से कम दो ग्राम सभाएं बुलायेगा।
4. बैठक का स्थान – (I) ग्राम सभा की बैठक उस गांव में होगी जिसमें पंचायत का कार्यालय स्थित है। वह गांव में पंचायत भवन या किसी अन्य सुविधाजनक सार्वजनिक स्थान पर होगी। यह किसी भी प्राइवेट मकान या स्थान पर नहीं होगी।
(II) ऐसे मामले में, जिसमें पंचायत सर्किल के किसी भी अन्य गांव की जनसंख्या 1000 से अधिक है, सरपंच या उसकी अनुपस्थिति में उप सरपंच दो या अधिक समूहों में ग्राम सभा बुला सकेगा। ऐसी ग्राम सभा अधिनियम की धारा 7 के अनुसार पंचायत मुख्यालय पर आयोजित ग्राम सभा के अतिरिक्त हो सकेगी, किन्तु पंचायत मुख्यालय पर ग्राम सभा में किये गये विनिश्चयों के उल्लंघन में कोई विनिश्चय कार्यान्वित नहीं किया जायेगा।
5. बैठक के नोटिस का प्रकाशन – (1) ग्राम सभा की बैठक की तारीख और समय का नोटिस, उसमें संव्यवहार किये जाने वाले कारबार का विवरण देते हुए बैठक के दिन से कम से कम 15 दिन पूर्व, –
(I) पंचायत सर्किल के प्रत्येक गांव में एक या अधिक सहजदृश्य स्थान पर उसे चस्पा करके,
(II) पंचायत सर्किल के प्रत्येक गांव में डोंडी पिटवाकर या किसी ध्वनि विस्तारक यंत्र से ऐसी बैठक की घोषणा करके, प्रकाशित किया जायेगा:
परन्तु विशेष या आपात बैठकों या विशेष प्रयोजनों के लिए साधारण बैठकें लघुतर कालावधि का नोटिस देकर बुलायी जा सकेंगी किन्तु किसी भी दशा में ऐसी कालावधि 3 दिन से कम की नहीं होगी।
(2) नोटिस की एक-एक प्रति विधान सभा सदस्य, प्रधान और पंचायत समिति, और जिला परिषद् के निर्वाचित सदस्य के साथ-साथ विकास अधिकारी को भी भेजी जायेगी।
(3) पंचायत समिति संबंधित ग्राम सभा बैठक के लिए विहित कालावधि के कम से कम एक मास पूर्व ऐसी बैठकें आयोजित करने के लिए सुविधाजनक तारीखों का सुझाव अग्रिम तौर पर दे सकेगी जिससे ग्राम सभा में प्रसार अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके। तद्नुसार सरपंच या उसकी अनुपस्थिति में उप सरपंच सामान्यतः ग्राम सभा बैठक का नोटिस जारी करेगा।
(4) ग्राम सभा का नोटिस तहसील स्तर के समस्त कृत्यकारियों जैसे तहसीलदार, चिकित्सा प्रभारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सहायक अभियंता, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, सहायक अभियंता, राज्य विद्युत बोर्ड, सहायक अभियंता, सिंचाई, पशु चिकित्सालय इत्यादि को भी उन्हें उसमें भाग लेने का अनुरोध करते हुए भेजा जायेगा।
(5) विकास अधिकारी एक प्रसार अधिकारी को प्रतिनियुक्त करेगा जो ऐसी बैठक के लिए नियत तारीख से एक दिन पूर्व पंचायत मुख्यालय पहुंचेगा। वह यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसी बैठक के लिए समुचित प्रचार किया गया है और वयस्क निवासियों के दशांश की विहित गणपूर्ति उपस्थित है। तद्नुसार सरपंच या उसकी अनुपस्थिति में उप सरपंच प्रचार के लिए सम्यक इंतजाम करेगा।
6. गणपूर्ति के अभाव में स्थगन – (I) यदि अपेक्षित गणपूर्ति नहीं होती है और बैठक गणपूर्ति के अभाव में स्थगित की जाती है तो वह किसी भी दशा में उसी तारीख को आयेाजित नहीं होगी। जब ग्राम सभा की स्थगित बैठक नियत की जाये, तब तक कम से कम एक सप्ताह की कालावधि बीत जानी चाहिए।
(II) ऊपर नियम 5 में यथा-उपबंधित समुचित प्रचार लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पुनः किया जायेगा।
7. ग्राम सभा बैठकों के लिए कार्यसूची – वित्तीय वर्ष के प्रथम त्रिमास अर्थात् अप्रेल से जून में आयोजित की जाने वाली ग्राम सभा बैठक के लिए धारा 3 की उप-धारा (3) और वित्तीय वर्ष के अंतिम त्रिमास अर्थात् जनवरी से मार्च में आयोजित की जाने वाली ग्राम सभा बैठक के लिए धारा 3 की उप-धारा (4) में वर्णित मदों के सिवाय नीचे वर्णित मदें भी ग्राम सभा बैठकों की कार्यसूची में सम्मिलित की जायेगी –
(I) गत ग्राम सभा बैठक का अनुपालन,
(II) मृत कृषकों के नामांतरणों का अनुप्रमाणन,
(III) आवास स्थलों के आवंटन के लिए परिवारों की पहचान,
(IV) एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत ऋण और सहायता के लिए गरीबी रेखा के नीचे के परिवार,
(V) विकास संकर्मो की प्राप्तियां, व्यय और भौतिक प्रगति,
(VI) आगामी वर्ष में प्रस्तावित योजना संकर्मो की प्राथमिकताओं का नियतन,
(VII) ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम, पेयजल और जल-निकास,
(VIII) स्वास्थ्य कार्यक्रम- टीकाकरण और परिवार कल्याण,
(IX) स्वयं की आय बढाने की रीतियां,
(X) आबादी भूमि और चरागाह का विकास,
(XI) संपरीक्षा (आडिट) की आपत्तियां और उनका उत्तर,
(XII) सतर्कता समिति की रिपोर्ट पर टिप्पणियां,
(XIII) सतर्कता समिति का पुनर्गठन (केवल प्रथम त्रिमास बैठक)
8. कार्यवाहियों का अभिलेखन – (1) विकास अधिकारी या उसकी ओर से ग्राम सभा में उपस्थित होने वाले प्रसार अधिकारी का कर्त्तव्य यह सुनिश्चित करने का होगा कि सचिव बैठक की कार्यवाहियां उसी तारीख को सही-सही तौर पर अभिलिखित करता है।
(2) वह यह भी सुनिश्चित करेगा कि अधिनियम की धारा 8 और उपर्युक्त नियम 7 में विहित समस्त मदों पर ग्राम सभा में पूर्ण रूप से चर्चा की जाती है और तद्नुसार कार्यवाहियां अभिलिखित की जाती हैं। विकास अधिकारी या बैठक में उपस्थित होने वाला प्रसार अधिकारी प्रस्थान से पूर्व कार्यवाहियों पर हस्ताक्षर करेगा।
(3) ऐसी कार्यवाहियों की प्रतियां 15 दिन के भीतर-भीतर पंचायत समिति को अग्रेषित की जायेंगी और यदि ऐसी बैठक जिला परिषद् या राज्य सरकार की अपेक्षा से आयोजित की जाये तो एक प्रति ऐसे अधिकारी को भी भेजी जायेगी।
9. विनिश्चयों का अनुपालन – (1ं) पंचायत के साथ-साथ पंचायत समिति का ग्राम सभा बैठकों में लिये गये विनिश्चयों के अनुपालन को सुनिश्चित करने का कर्तव्य होगा।
(2) अनुपालन रिपोर्ट आगामी ग्राम सभा बैठक के समक्ष रखी जायेगी।
(3) संबंधित पंचायत समिति का विकास अधिकारी महत्वपूर्ण विनिश्चयों को उल्लेखित करते हुए पंचायतवार नियंत्रण रजिस्टर भी रखेगा।
(4) पंचायत प्रसार अधिकारी और विकास अधिकारी पंचायतों के अपने निरीक्षण के दौरान, ऐसे अनुपालन की प्रगति का पुनर्विलोकन करेगा।
10. ग्राम सभा बैठकों को मॉनीटर करना – (1) प्रतिवर्ष अप्रेल और जनवरी मास के दौरान विकास अधिकारी पंचायत समिति की बैठकों में ग्राम सभा बैठकों की प्रगति रखेगा। वह ऐसी रिपोर्ट आगे आवश्यक कार्यवाही करने के लिए मुख्य कार्यपालक अधिकारी को भी अग्रेषित करेगा।
(2) धारा 3 में यथा-उल्लिखित ग्राम सभा की विहित बैठक आयोजित करने में किसी भी सरपंच, यथास्थिति, उप सरपंच के विफल होने की दशा में पंचायत समिति मामले की रिपोर्ट अधिनियम की धारा 38 के अधीन कार्यवाही के लिए राज्य सरकार को करेगी।
11. सतर्कता समितियों को बनाया जाना – (1) सरपंच कार्यसूची में एक मद वित्तीय वर्ष के प्रथम त्रिमास में आयोजित होने वाली ग्राम सभा बैठक में सतर्कता समिति/समितियों गठन के लिए रखेगा।
(2) सतर्कता समिति पंचायत के साथ निकट समन्वय रखते हुए कार्य करेगी।
(3) पंचायत का सचिव सतर्कता समिति बैठकों के लिए सचिव के रूप में भी कार्य करेगा और उसकी कार्यवाहियां अभिलिखित करेगा।
( टिप्पणी – दिनांक 6.1.2000 से संशोधन कर पंचायत स्तर की सतर्कता समिति समाप्त कर दी गई है। धारा 56 में संशोधन कर पंचायत समिति एवं ज़िला परिषद स्तर की सतर्कता समितियां गठित कर दी गई है। )
12. सदस्यता – (1) सतर्कता समिति में ऐसे सात सदस्य होंगे जो मान्यता प्राप्त समुदाय के नेता हों और साधारणतः निर्वाचन में भाग नहीं लेते हों।
(2) ऐसे पंचायत क्षेत्र में निवास करने वाला पंचायत समिति या जिला परिषद् का सदस्य भी ग्राम सभा के अनुमोदन से ऐसी सतर्कता समिति में सदस्य हो सकेगा।
(3) सदस्य विकास संकर्मो, आबादी, भूमि, चरागाह पर अतिचार, स्वच्छता और पेयजल इत्यादि के पर्यवेक्षण के लिए समूह बनाने का विनिश्चय कर सकेंगे।
(4) सदस्य बैठकें आयोजित करने की तारीखें विनिश्चित करने के लिए और बैठकों की अध्यक्षता के लिए एक व्यक्ति को अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित करेंगे।
13. सतर्कता समिति की भूमिका – (1) सतर्कता समिति की भूमिका केवल त्रुटियां खोजना और पंचायत की आलोचना करना नहीं है।
(2) इसकी भूमिका यद्यपि पर्यवेक्षी है फिर भी वह रचनात्मक, सहयोगी और सलाहकारी होगी। मुख्य उद्देश्य विकास क्रिया-कलापों का त्वरित कार्यान्वयन, संकर्मो की गुणवत्ता (क्वालिटी) बनाये रखना, निधियों का दुरुपयोग रोकना और जनता से प्राप्त शिकायतों का वस्तुनिष्ठ आंकलन है।
14. बैठकें – (1) सतर्कता समिति की प्रथम बैठक समिति के गठन के ठीक पश्चात्, सचिव द्वारा सदस्यों के लिए सुविधाजनक, किसी तारीख को नियत की जायेगी।
(2) बैठक के लिए पश्चात्वर्ती तारीखें सतर्कता समिति के अध्यक्ष द्वारा नियत की जायेंगी। बैठक का नोटिस सचिव द्वारा तामील करवाया जायेगा।
(3) सर्तकता समिति एक मास में कम से कम एक बार बैठक करेगी।
(4) पंचायत का सचिव समस्त ऐसी बैठकों में सदैव उपस्थित होगा।
15. कार्यसूची की मदें – सतर्कता समिति निम्नलिखित मदों का पुनर्विलोकन करेगी-
(I) जनता से विनिर्दिष्ट बिंदुओं पर शिकायतें,
(II) निष्पादनाधीन सन्निर्माण संकर्मो की गुणवत्ता (क्वालिटी),
(III) पंचायत निधि का उपयोग,
(IV) आबादी भूमि और चरागाह पर अतिचार,
(V) संकर्मो के लिए मंजूरी और व्यय उपदर्शित करने वाला सूचना-पट्ट,
(VI) अन्य सुसंगत विषय जैसे स्वच्छता, जल-निकास, पेयजल, स्वास्थ्य, टीकाकरण इत्यादि।
16.सतर्कता समिति की रिपोर्ट ग्राम सभा की कार्यवाहियों का एक भाग होना – सतर्कता समिति की रिपोर्ट पर ग्राम सभा में चर्चा कराना सरपंच या उसकी अनुपस्थिति में उप सरपंच का कर्तव्य होगा। वह ग्राम सभा की कार्यवाहियों का एक भाग होंगी।
17. सरपंच/पंचों की टिप्पणियां – सरपंच/उप सरपंच या पंच या, यथास्थिति, सचिव अपनी टिप्पणियां ग्राम सभा के लिए रखेगा। ऐसी टिप्पणियां ग्राम सभा की कार्यवाहियों में सम्मिलित की जायेंगी।
18. सतर्कता समिति का पुनर्गठन – ग्राम सभा उसी समिति को बनाये रख सकेगी या वित्तीय वर्ष के प्रथम त्रिमास में होने वाली अपनी बैठक में प्रतिवर्ष उसे पुनर्गठित कर सकेगी।
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