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PM Swamitva Yojana Map 1.0 | स्वामित्व योजना के मैप 1.0 व प्रपत्र कैसे तैयार करें

PM Swamitva Yojana Map 1.0 | स्वामित्व योजना के मैप 1.0 व प्रपत्र कैसे तैयार करें

PM Swamitva Yojana Map 1.0

स्वामित्व योजना के प्रपत्र व मैप Map 1.0 कैसे तैयार करें

PM Swamitva Yojana Map 1.0: स्वामित्व योजना के प्रपत्र व मैप Map 1.0 कैसे तैयार करें- स्वामित्व योजना (PM Swamitva Yojana) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बसे ग्रामीणों को आबादी क्षेत्र में स्थित उनकी संपत्ति का अधिकार अभिलेख (प्रॉपर्टी कार्ड) उपलब्ध कराया जायेगा ताकि वे अपनी संपत्ति को बैंकों से ऋण लेने एवं अन्य वित्तीय लाभ के लिए वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग ले सकें।

भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय पंचायत दिवस (24 अप्रैल 2020) के अवसर पर राजस्व विभाग एवं पंचायती राज विभाग के संयुक्त प्रयासो से ग्राम पंचायतों की आबादी भूमि में स्थित संपत्ति का मालिकाना हक दिलवाने के लिए स्वामित्व योजना योजना शुरू की गई है।

स्वामित्व योजना (PM Swamitva Yojana) का क्रियांवयन पंचायती राज विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा। इस योजना के तहत भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा (SOI) सभी गांवों के आबादी क्षेत्रों का डिजिटल मानचित्र तैयार कर सम्बन्धित ग्राम पंचायत को सौंपा जायेगा। गांवों के आबादी क्षेत्रों का सर्वेक्षण एवं मानचित्रण का कार्य पूरा होने पर सम्बन्धित ग्राम पंचायत द्वारा स्वामित्वधारियों को पंचायती राज नियमों के तहत उनके स्वामित्व की आबादी भूमि का विधिक दस्तावेज (पट्टा, विक्रय विलेख पत्र आदि) भौतिक रूप से देने के साथ उस दस्तावेज की पीडीएफ फाइल बनाकर लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर भेजी जायेगी।

स्वामित्व योजना (PM Swamitva Yojana) के क्रियान्वयन हेतु MAP 1.0 सम्बन्धी संपूर्ण प्रक्रिया निम्न चरणों में होगी-

चूना मार्किंग

1. चूना मार्किंग -ड्रोन उड़ान से पहले राजस्व ग्राम की आबादी भूमि की बाहरी सीमा (OUTER LINE) पर 4 इंच चैडाई में चित्र क के अनुसार चूना लाइन डालकर मार्किंग का कार्य ग्राम विकास अधिकारी एवं पटवारी द्वारा तथा इस सीमा रेखा के अंदर ग्राम वार सर्वे समिति द्वारा किया जायेगा। जिस आबादी भूमि पर किसी भी तरह का निर्माण किया हुआ है उसे चूना लाईन डालकर मार्क नहीं किया जाना है। उक्त चूना मार्किंग के अगले दिन ड्रोन के जरिए फोटोग्राफी की जायेगी।

चित्र क (चूना मार्किंग)

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PM Swamitva Yojana Map 1.0 | स्वामित्व योजना के मैप 1.0 व प्रपत्र कैसे तैयार करें

मैप-1.0, लाल डोरा, इमेज आई.डी, प्रॉपर्टी आई.डी.

2. मैप-1.0 (Map 1.0)– फोटोग्राफी के पश्चात् भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा ड्रोन से ली गई ईमेज के आधार पर उस ग्राम नक्शे तैयार कर भिजवाये गये हैं,  जिन्हें चित्र ख के अनुसार मैप 1.0 से सम्बोधित किया गया है । इसमें गांव की आबादी भूमि की बाहरी सीमा रेखा तथा इस सीमा के भीतर मैप में दिखलाई गई ईमेज के अनुसार खाली पड़े भूखण्डों एवं भवन निर्मित भूखण्डों पर आईडी नंबर अंकित होंगे ये नक्शे ग्रामवार हैं। कुछ गांवों का ड्रोन सर्वे एक साथ करवाया गया था तो उनके नक्शे संयुक्त प्राप्त हुए हैं। ड्रोन फ्लाई के दौरान दोनों गांवों के बीच में चूना मार्किंग कर विभाजन रेखा बनायी गई थी तो नक्शे में उन दोनों गांवों को अलग करने वाली लाल रेखा दर्शायी गई है। यदि उस समय विभाजन नहीं किया गया था तो अब डोर टू डोर सर्वे में पहले पटवारी हल्का से दोनों गांवों का अलग-अलग विभाजन कर लेवे क्योंकि सर्वे गांव वार किया जाकर प्रत्येक गांव की अलग अलग सूचना तैयार की जावेगी जिसके आधार पर ही मैप-2.0 प्राप्त होंगे।

चित्र ख (मैप 1.0)

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PM Swamitva Yojana Map 1.0 | स्वामित्व योजना के मैप 1.0 व प्रपत्र कैसे तैयार करें

3. लाल डोरा (Lal Dora)– प्रत्येक नक्शे में आबादी भूमि की बाहरी रेखा (Boundary Line or Outer Line) को लाल रेखा द्वारा प्रदर्शित किया गया है जिसको लाल डोरा कहा गया है। सर्वे शुरू करते वक्त हल्का पटवारी से मिलकर लाल डोरा का सही निर्धारण कर लेंवे ताकि लाल डोरा के अन्दर व बाहर होने वाली सम्पति का सही विवरण दर्ज किया जा सके। यदि लाल डोरा में परिवर्तन किया जाता है तो परिवर्तित लाईन लाल पेन से प्रदर्शित की जावेगी एवं पहली वाली रेखा को उसी लाल पेन से छोटी छोटी लाईन लगाकर कॉस किया जावेगा। यदि नक्शे में एक से अधिक गांव है तो उनकी विभाजन रेखा भी लाल पेन से सम्बधित पटवारी हल्का द्वारा निर्धारित की जावेगी। लाल डोरा की मार्किंग पैमाने से ही प्रोपर रूप से करें, लाल पेन से मार्किंग करते समय ओवर राइटिंग नहीं होनी चाहिए।

4. इमेज आई.डी. (Image ID)– नक्शे पर पूर्व से प्रदर्शित आई.डी. या नम्बरिंग को ही यूनिक आई. डी., ईमेज आई.डी. या ऑबजेक्ट आई.डी. (Object ID) कहा गया है। यह आई डी एक निश्चित नम्बर से शुरू होकर अन्तिम नम्बर तक सामान्यतया लगातार होती है। सर्वे के दौरान यह पहचान करनी होती है कि पहली आई.डी. कौनसे नम्बर से शुरू होती है एवं उसका अंतिम नम्बर क्या है। कभी कभार इनमें कोई आई.डी. मिस भी हो सकती है। अतः नक्शे पर सावधानी पूर्वक आई.डी. देखें, कोई आई.डी. छूटनी नहीं चाहिए। नक्शे पर कुछ आई.डी. खुले (Open) में दी गई है जो हल्के रंगीन या डार्कनेस पृष्ठभूमि के रूप में शो हो रही हैं वे खुले क्षेत्र अर्थात छत रहित क्षेत्र को दर्शाती हैं एवं कुछ आई.डी. जो सफेद बॉक्स के रूप में दी गई है वे सामान्यतया छत वाले हिस्से को दर्शाती हैं। फील्ड सर्वे के दौरान प्रत्येक आई.डी. जिसका सर्वे कर लिया है, साथ-साथ टिक करना चाहिए जिससे आई.डी. छूटने की सम्भावना ना रहे।

5. प्रॉपर्टी (Property)– ग्राम पंचायत की आबादी में स्थित निजी व सरकारी सम्पति यथा घर, मकान, कारखाना, कार्यालय आदि को प्रॉपर्टी की श्रेणी में रखा गया है।

6. प्रॉपर्टी आई.डी. (Property ID)– इमेज आई.डी. के विपरीत सर्वे कमेटी द्वारा एक आई.डी. नम्बर दिया जावेगा जिसे प्रॉपर्टी आई.डी. कहा गया है जो 1 नम्बर से शुरू होकर लगातार रहेगी। यहां ध्यान रखना जरूरी है कि भरे जाने वाले प्रपत्रों (प्रपत्र A, B)में प्रत्येक आई.डी. लिखने के बाद कोमा लगाकर स्पेस देना है, उसके बाद दूसरी आई.डी लिखनी है और प्रत्येक आई.डी के बाद यही क्रम या प्रकिया दोहरायी जानी है। (देखें चित्र ग)

7. LGD Code(Local Government Directory)– प्रत्येक गांव का एक पहचान कोड होता है जिसे एलजीडी कोड कहा जाता है जो प्रत्येक नक्शे पर दिया गया है।सर्वे के दौरान इस कोड को जांच लेना चाहिए क्योंकि यही कोड एक्सेल शीट पर भी लिखा जाएगा एवं भारतीय सर्वेक्षण विभाग (SOI) में इस कोड के आधार पर ही नक्शे जमा किये जायेंगे।अतः सुविधा के लिए गांवों के नाम व कोड की सूची साथ में रख लेनी चाहिए।

8. अक्षांश व देशांतर (GPS Cordinates)– ग्राम पंचायत द्वारा ड्रोन मैपिंग से पूर्व वेब कैम से अक्षांश (Latitude) व देशांतर (Longitude) उपलब्ध कराया गया था अर्थात प्रत्येक गांव की एक KML File ग्राम पंचायत द्वारा तैयार की गई थी। ये कोर्डिनेट्स नक्शे पर अंकित हैं।

प्रपत्र (Format)

9. प्रपत्र (Format)– सर्वे कमेटी द्वारा चार प्रकार के प्रपत्र भरे जाने हैं जो कि निम्न प्रकार है:-

(I)  Annexure A– इस प्रपत्र में कुल 28 कॉलम दिये गये हैं। कॉलम 1 में क्रम संख्या, कॉलम 2 में नक्शे में प्रदर्शित ईमेज आई.डी., कॉलम 3 में प्रॉपर्टी आई.डी. जो सर्वे कमेटी द्वारा दी जानी है, कॉलम 4 में ऑवनर अर्थात सम्पत्ति के मालिक का नाम व कॉलम 5 में पिता/पति का नाम लिखा जाना है। प्रॉपर्टी टाईप (Property Type) के तीन कॉलम 1 से 3 हैं जिनमें प्रॉपर्टी के मालिकाना हक (Ownership) किसका है अर्थात सम्पति क्रमश: सरकारी, ग्राम पंचायत की या निजी है. का विवरण दर्ज करना है अर्थात सम्बधित कॉलम में टिक (1) करना है। प्रॉपर्टी सब टाईप (Property Sub Type) के 1 से 18 कॉलम में किस प्रकार की प्रॉपर्टी है अर्थात वह प्रॉपर्टी किस उ‌द्देश्य के लिए उपयोग में आ रही है. सम्बधित कॉलम में टिक (V) करना है। मंजिलों की संख्या (No. of Floors) में मकान यदि जीरो लेवल (Ground Floor) पर है तो उसके लिए 1. प्रथम तल (First Floor) के लिए 2, द्वितीय तल (Second Floor) के लिए 3. इसी प्रकार आगे क्रमानुसार अंक देना है। यदि जगह पूर्णतया खाली, चारदीवारी युक्त, नोहरा इत्यादि है लेकिन मकान निर्माण नहीं है, के लिए इस कॉलम में 0 (शून्य) अंकित किया जावेगा। टिप्पणी (Remarks) के कॉलम में विशेष विवरण अंकित करना है। (देखें चित्र ग)

चित्र ग (Annexure A)

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PM Swamitva Yojana Map 1.0 | स्वामित्व योजना के मैप 1.0 व प्रपत्र कैसे तैयार करें
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PM Swamitva Yojana Map 1.0 | स्वामित्व योजना के मैप 1.0 व प्रपत्र कैसे तैयार करें

DOWNLOAD FORMAT A

(II) Annexure B– इस प्रपत्र में ग्राम पंचायत की गलियों/ सड़कों का विवरण अंकित किया जावेगा अर्थात सड़कों / गलियों से सम्बधित आई.डी. जिसे नक्शे पर GPR (Gram Panchayat Road) या Cart Road से दिखाया गया है, से सम्बधित आई.डी. एवं सर्वे के दौरान इन सड़कों में शामिल किये जाने योग्य / शामिल हो रही समस्त आई.डी. को इस प्रपत्र में दर्ज किया जावेगा। इस प्रपत्र में सड़क के विभिन्न प्रकार (Road Type) दिये गये हैं, सम्बधित टाईप कॉलम में टिक (√) करना है। उसके बाद सड़क की चौड़ाई (Road Width) वाले कॉलम में सड़क की चौड़ाई मीटर (In Mirs) में अंकित करनी है एवं सड़क के नाम वाले कॉलम में सड़क की सही पहचान के लिए उसका सही पहचान / लैंड मार्क अंकित करना है, जैसे प्राथमिक विद्यालय के पास, रामू राम के घर से उत्तर की ओर, पंचायत घर से पूर्व की ओर आदि-आदि। विशेष विवरण को टिप्पणी के कॉलम में दर्ज किया जाना है। (देखें चित्र घ)

चित्र घ (Annexure B)

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DOWNLOAD FORMAT B

(III) Railway Type– रेल्वे से सम्बधित समस्त प्रॉपर्टी को इस प्रपत्र में दर्ज किया जाना है। यदि रेल्वे से सम्बधित प्रॉपर्टी नक्शे में लाल डोरा के अन्दर / बाहर प्रदर्शित है तो इस प्रपत्र में दर्ज किया जाना है। (देखें चित्र ङ)

चित्र ङ (Railway Type)

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(IV) Water Body Type– ग्राम में पेयजल से सम्बधित कोई भी प्रॉपर्टी जैसे पानी का सार्वजनिक टांका, ट्यूबवैल, टैंक, पोण्ड, जोहड, वाटर वर्क्स, वाटर रिचार्ज इत्यादि से सम्बधित प्रॉपर्टी को इसमें दर्ज करना है अर्थात सम्बधित कॉलम में टिक (V) करते हुए प्रॉपर्टी की सही टिप्पणी अंकित करें।(देखें चित्र च )

चित्र च (Water Body Type)

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DOWNLOAD FORMAT WATER BODY TYPE

नोट (NOTE)– प्रत्येक गांव के लिए सभी प्रपत्र अलग-अलग भरे जायेंगे, एक से अधिक गांवों का संयुक्त प्रपत्र नहीं भरा जावेगा। प्रपत्र भरने से पूर्व तहसील व उसका कोड, जिला व उसका कोड, गांव का नाम व उस का कोड अवश्य भरें, उसके बाद ही सर्वे शुरू करें। यदि दो गांवों का नक्शा संयुक्त प्राप्त हुआ है तो पटवारी द्वारा दोनों गांवों की सीमा रेखा का निर्धारण किये जाने के बाद (सीमा रेखा लाल पेन से बनाई जायेगी) ही अलग अलग सर्वे करना है।

A. Property Type (सम्पति के प्रकार)– इसके तीन प्रकार है-

(i) सरकारी (Government): ऐसी प्रॉपर्टी जो सीधे सरकार के अधीन आती है जैसे ग्राम में स्थित राजकीय भवन/संस्था यथा- स्कूल, पंचायत घर, आंगनबाडी केन्द्र, अस्पताल (SC, CSC, PHC etc.) औषधालय, पोस्ट ऑफिस, सरकारी बैंक, खेल मैदान/स्टेडियम, सरकारी वेयर हाउस, बिजली पर/ पावर हाउस, पुलिस थाना, इत्यादि ।

(ii) ग्राम पंचायत (Gram Panchayat): ऐसी समस्त प्रॉपर्टी जिन पर मालिकाना हक ग्राम पंचायत का हो या सम्पति ग्राम पंचायत द्वारा स्वयं की निजी आय से निर्मित (Create) की गई हो या ग्राम पंचायत द्वारा किराये या लीज पर दी गई हो, सार्वजनिक धार्मिक स्थल, गुवाड़, पार्क. चौक / चबूतरा, सामुदायिक सम्पति (जैसे सामुदायिक भवन, सामुदायिक शौचालय, नाला आदि) इत्यादि ।

(iii) निजी (Private): ऐसी सम्पति जिन पर न तो सरकार का एवं न ही ग्राम पंचायत का हक हो अर्थात जिन पर निजी मालिकाना हक है जैसे आवास, कारखाना, दुकान, किराये का भवन, निजी गोदाम/वेयर हाउस, मॉल, कोचिंग सैण्टर इत्यादि।

B. Property Sub Type (सम्पति के उप प्रकार)

यदि प्रॉपर्टी टाईप में सरकारी, ग्राम पंचायत या निजी पर टिक किया गया है तो प्रॉपर्टी सब टाईप में वह किस उद्देश्य के लिए काम में लिया गया है या लिया जा रहा है, सम्बधित पर टिक करें। ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्यतया सरकारी भवनों में पंचायत घर, राजकीय स्कूल, सरकारी बैंक (स्वयं के भवन में संचालित) पटवार घर, पावर हाउस, कृषि पर्यवेक्षक कार्यालय, आंगनबाडी, अस्पताल, औषधालय, पुलिस थाना इत्यादि होते हैं जिन्हें सरकारी प्रॉपर्टी में दर्शाया जाना है। सार्वजनिक धार्मिक स्थल (यदि सरकारी जगह में स्थित हो), गुवाड़, चौक, चबूतरा, पार्क, पंचायत के आधिपत्य वाली खाली आबादी भूमि, ग्राम पंचायत का किराये का भवन, स्टेडियम, सामुदायिक भवन, सामुदायिक शौचालय / सार्वजनिक शौचालय, श्मशान, कब्रिस्तान इत्यादि को ग्राम पंचायत की प्रॉपर्टी में लिया जाना है। इसके अलावा समस्त प्रकार की सम्पति जिनका मालिकाना हक किसी व्यक्ति विशेष का हो उसे निजी प्रॉपर्टी टाईप में लिया जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय प्रयोजनार्थ हेतु मकान, किराये का भवन जो किसी संस्था, स्कूल, बैंक, अस्पपताल / औषधालय, आंगनबाड़ी, को किराये पर दिया गया हो या वाणिज्यक प्रयोजनार्थ जैसे दुकान/कारखाने, कोचिंग सेंटर को दिये जाने वाले भवन / मकान इसी श्रेणी में रखे जा सकते हैं।(देखें चित्र ग)

Ground Truthing (घर-घर सत्यापन)

10. Ground Truthing or Field Verification or Door to Door Servey: (घर-घर सत्यापन)– भारतीय सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त नक्शो का घर-घर जाकर सत्पापन किया जाना है इसे Ground Truthing भी कहते है फिल्ड भ्रमण के दौरान हमे सामान्यतया निम्न बातो का विशेष ध्यान रखना है-

(I)  सत्यापन के दौरान लाल डोरा को हमें सही मानकर कार्य नही करना है । इसके लिए पटवारी हल्का से संपर्क कर लालडोरा का सही निर्धारण किया जाना है। मौका निरीक्षण के समय हो सकता है कि आबादी का कुछ भाग लालडोरा से बाहर रह गया हो या हो सकता है कि किसी अन्य मद की भूमि अर्थात आबादी से बाहर की भूमि लालडोरा में भाामिल हो गई हों । अतः सर्वप्रथम लालडोरा को निर्धारित करना है । लाल डोरा की Proper Marking लाल पेन से Scale लेकर करें, Free Hand से नहीं। ओवर राइटिंग भी नहीं करें। यदिbकुछ घर जो लाल डोरा से बाहर हैं लेकिन वास्तव में आबादी में हैं तो उनको लाल डोरा को सरकाते हुए उन घरों / मकानों को शामिल करें एवं उनको आई.डी. नम्बर नहीं दिया गया है तो नक्शे में जो लास्ट नम्बर है अर्थात जो अन्तिम आई.डी. है, उसके अगला अंक दिया जाना है। जैसे नक्शे की अंतिम आई.डी. 1500 है तो नई शामिल सम्पतियों को 1501, 1502, 1503 आई.डी. नंबर दिया जाना है या A1, A2, A3 नंबर भी दे सकते हैं।(देखें चित्र छ)

चित्र छ (Ground Truthing)

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DOWNLOAD FORMAT GROUND TRUTHING MAP 1.0

(II)  ड्रोन मैपिंग के दौरान जो भी आई डी बनाई (Creat) गई है चाहे वह लालडोरा के अन्दर हो या बाहर, प्रपत्र में इन्द्राज किया जाना है। केवल लालडोरा के अन्दर वाली समस्त आई.डी. काडोर टू डोर सर्वे किया जाना है। लाल डोरा से बाहर की आई डी एक पंक्ति कोमा लगाते हुए एक साथ लिखनी हैं एवं मालिक के नाम के स्थान पर अथवा टिप्पणी में आबादी से बाहर दर्ज करना है।

(III)  फील्ड भ्रमण के दौरान यह स्थिति भी आ सकती है कि आबादी में स्थित किसी मकान या घर को कोई गली न लगती हो, ऐसी स्थिति में  उस घर के लिए मौका अनुसार गली का निर्धारण करना है। गली की Proper Marking नीले पेन से Scale लेकर करें, Free Hand से नहीं। मार्किंग के दौरान गली/ सड़क में आने वाली समस्त आई.डी. को सड़क मानते हुए रोड वाले प्रपत्र में इन्दाज किया जाना चाहिए। सड़क एवं मकान के बीच बची हुई जगह को भी सड़क मानते हुए road वाले प्रपत्र में सम्बन्धित GPR में कोमा लगाकर दर्ज दर्ज करना है।(यदि इस बीच की जगह पर मकान मालिक का स्वामित्व का दावा सिद्ध होता है तो सम्बन्धित के कॉलम में प्रपत्र A में दर्ज किया जाना है)

(IV)  फिल्ड भ्रमण के दौरान प्रत्येक घर का सर्वे करना है। अतः यह निर्धारित कर लेवें की कोई घर व आई.डी छूटे नही । मैप को कहीं बीच से शुरू नहीं करना है, बल्कि किसी कॉर्नर से शुरू कर लगातार गली के एक तरफ के समस्त घरों का सर्वे पूर्ण करते हुए शुरुआती पॉइंट तक पहुंचना चाहिए। जैसे कि एक गली में यदि हम अपनी सुविधा के लिए दोनों तरफ के घरों का साथ-साथ सर्वे कर रहे हैं तो सही क्रम के विपरीत घरों की प्रॉपर्टी आई.डी.का लगातार क्रम के बाद जब उनका क्रम आयेगा, उसी क्रम वाला प्रॉपर्टी आई.डी. नम्बर दिया जाना चाहिए।

(V)  ड्रोन मैपिंग के दौरान एक ही चार दिवारी / परिसर में स्थित भिन्न-भिन्न मकानो / आंगन / दालान, शौचालय, शैड इत्यादि को अलग अलग आई डी दे दी गई है (जैसे मकान, शौचालय, शैड, बरामदा, या खाली जगह) और सर्वे में यह पाया जाता है कि ये समस्त सम्पति एक ही व्यक्ति की हैं तो ऐसी समस्त आई डी को हमें मर्ज करना है अर्थात ऐसी समस्त आई.डी. को एक पंक्ति में कोमा लगाकर एक साथ लिखना है उसके बाद उसके सामने उसका नया प्रॉपर्टी आई डी नंबर देना है एवं मालिक का नाम व पिता पति का नाम दर्ज करना हैं। सम्पति प्रकार में निजि पर टिक करना है एवं आवासीय होने की स्थिति में उसका सम्पति उप प्रकार में आवासीय पर टिक करना है। ऐसी सम्पतियां जिन पर मालिकाना हक एक ही व्यक्ति का है लेकिन सम्पति एक परिसर में स्थित न होकर अलग-अलग जगहों पर है तो ऐसी स्थिती में उन आई.डी. को मर्ज नहीं किया जावेगा, जिस स्थान पर वह स्थित है उसी स्थान के अनुसार अलग अलग आई.डी. नम्बर दिया जावेगा क्योंकि इनका पट्टा भी अलग अलग जारी किया जावेगा।

(VI)  यह भी विशेष ध्यान रखना है कि कोई आई.डी छूटे नहीं और न ही किसी आई.डी की पुनरावर्ति (Repeat) हो।  छूटी हुई आई डी को मिसिंग एवं पुनरावर्ति आई डी को डुप्लीकेट आई.डी कहा जाता है।

(VII)  यदि ड्रोन मैपिंग के दौरान किसी मकान को एक ही आई.डी दी गई है लेकिन सर्वे में पाया जाता है कि उस मकान में दो या दो से अधिक परिवार निवास कर रहे है या उनका हिस्सा है तो ऐसी स्थिति में उनका मौका अनुसार विभाजन कर सम्बन्धित आई डी को A.B.C…. से लिखेगे। जैसे किसी मकान को आई डी क्रमांक 18, 19, 20 दिया गया हैं एवं उसमें तीन परिवार निवास कर रहे है एवं आई.डी. 20 पर तीनों का हिस्सा बनता है तो उसका विभाजन 20A, 20B, 20C किया जाना है। यदि सम्पति का विभाजन किया जाना है तो उसकी Proper Marking नीले पेन से Scale लेकर करें, Free Hand से नहीं। यहां यह विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि किसी भी आई.डी. का यदि विभाजन किया जाता है या कोई आई.डी. टूटकर दूसरे की सम्पति में जाती है या किसी घर से कोई आई.डी. सड़क में जा रही है तो यहाँ मूल आई. डी. के साथ A लगाना है, अन्य आई.डी. के साथ या अलग होने वाली आई.डी. के साथ B.C लगाना है। कई बार यह भी देखने में आया है कि दो भाईयों के घर साथ साथ लगते हैं ऐसे में उनके एक या दो मकान ऐसे होते हैं जो बंटवारे में दूसरे के मकान की तरफ होते हैं लेकिन हक पहले का होता है जबकि बाहर से या दूर से देखने पर ऐसा लगता है कि दोनों घरों के बीच की दीवार स्ट्रेट है। जैसे A, B दो भाई हैं जिनके घर के बीच में एक हिस्सा AB है। जो है तो A की तरफ लेकिन उसका मालिक B है। अतः इसे B वाले भाई की आई डी के साथ लिखना होगा। इस तरह की प्रॉपर्टी को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

(VIII)  ड्रोन मैपिंग के दौरान यह भी स्थिति सामने आई है कि दो या अधिक पडौसियों के आपस में चिपते मकानों की छतें आपस में बराबर होने से इमेज में एक ही मकान दिखाई पड़ता है जबकि वास्तव में दोनों मकानों के बीच दीवार होती है जो दोनों को विभाजित करती है। इस स्थिति में स्केल लेकर दोनों के मध्य लाइन खींच कर A, B लगाकर आई डी लिखनी है। यह भी हो सकता है कि इमेज में गली के दोनों और के मकानों को जोड़ दिया गया हो जिससे उनके बीच का रास्ता मैप में गायब हो गया हो। ऐसी स्थिति में स्केल लेकर दोनों मकानों के बीच रास्ता दर्शाना है। दोनों मकानों के A, B लगाकर आई डी लिखनी है एवं रास्ते या सड़क को भी A, B लगाकर सम्बन्धित सड़क में road वाले प्रपत्र में दर्ज करना है।

(IX)  ड्रोन मैपिग में कही कही ये स्थिति भी आई है कि किसी के मकान में स्वयं के आने जाने का रास्ता है या उस घर का आर पार गलियों पर गेट खुलता है या ऐसे दो गेटो बीच में रास्तानुमा खाली जगह पड़ी है लेकिन ड्रोन द्वारा खुलमानकर उसे आम रास्ता मानकर जीपीआर आई.डी दे दी गई है अर्थात उसे गली/ सडक मान लिया गया है। लेकिन सर्वे में यह पाया गया है कि इस रास्ता का उपयोग उसी मकान मालिक द्वारा स्वयं के लिए किया जाता है अर्थात अन्य किसी का उस रास्ते से आना जाना नहीं है ऐसी स्थिति में हमें उस रास्ता को उसी मालिक की आई.डी सम्मिलित कर नवशे से उस रास्ता को हटाना है ।

(X)  सुविधा के लिए सर्वे के दौरान प्रत्येक व्यक्ति के आधार नम्बर व मोबाईल नम्बर की सूचना संकलित कर लेवें इसके लिए एक रजिस्टर का भी संधारण कर लेवें।

(XI)  लाल डोरा में संशोधन, गली/ सड़क में संशोधन, सम्पति का विभाजन, नया रास्ता बनाना, नई सम्मिलित सम्पतियों को नई आई.डी नम्बर देना आदि सभी मार्किग नक्शे पर भी किया जाना है। लाल डोरा में संशोधन लाल पेन से करना एवं पहले वाली लाईन को लाल पेन से छोटी छोटी कॉस लाईन बनानी है। इसी प्रकार लाल डोरा के अलावा सभी मार्किंग नीले पेन से की जायेगी एवं पूर्व की लाईन को नीले पेन से छोटी छोटी कॉस लाईने लगानी है, कॉस चिन्ह नहीं लगा कर रेल्वे लाइन की तरह काटना है।

(XII)  प्रत्येक गांव के नक्शे का अलग-अलग सर्वे करना है एवं उनके अलग-अलग प्रपत्र भरे जाने हैं। प्रत्येक नक्शे पर गांव का नाम एवं एल.जी.डी. कोड का मिलान अवश्य करें। सावधानी से पहले कच्ची पेंसिल से रफ कार्य करें एवं उसके बाद नक्शे पर फेयर कार्य करें। नक्शों पर किसी प्रकार की ऑवरलेपिंग न करें, केवल एकल रेखा बनायें। नक्शे साफ सुथरे ही जमा होंगे। फटे हुए, ऑवरलेपिंग वाले नक्शे जमा योग्य नहीं होंगे।

(XIII)  यदि कहीं ऐसी स्थिती है कि लाल डोरा से बाहर कुछ मकान या घर रह गये हैं लेकिन उन घरों की इंगेज नक्शे पर नहीं आई है अर्थात नक्शा का कुछ हिस्सा छूट गया है तो सर्वेक्षण विभाग से उसका दूसरा नक्शा निकलवाना होगा। यदि कोई प्रॉपर्टी विवादित है या माननीय न्यायालय में वाद विचाराधीन है तो ऐसी सम्पत्ति के लिए विवादित (Disputed) लिख सकते हैं।

(XIV)  ऐसी कम ही सम्भावना है परन्तु यदि नक्शे पर दो समान ईमेज आई.डी. अंकित है तो दूसरी आई.डी. के लिए नक्शे पर अंकित अंतिम आई.डी. के बाद वाला नम्बर देंगे एवं पहले वाली आई. डी. को कास कर देंगे। जैसे कि कोई आई.डी. 12, 12 है और अन्तिम आई.डी. 500 है तो दूसरी समान आई.डी. 12 को काटना है एवं उसके स्थान पर 501 लिखा जाना है।

(XV)  हॉर्ड कॉपी व सॉफ्ट कॉपी दोनों आपस में मैच करनी चाहिए, उनमें किसी प्रकार का कोई अन्तर नहीं होना चाहिए। अतः एक्सेल शीट तैयार करते वक्त सुनिश्चित कर लें कि कोई आई. डी. छूटी नहीं है, कोई आई.डी. दुप्लीकेट नहीं है तथा समस्त आई.डी. को ट्रेस आउट कर लिया है।

छूटी हुई और दोहरी आई.डी जांचना (check Missing and doubling ID)

मिसिंग एवं डबलिंग चेक करने हेतु निम्न तरीका काम में लिया जाए-

चित्र ज (मिसिंग एवं डबलिंग चेक)

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PM Swamitva Yojana Map 1.0 | स्वामित्व योजना के मैप 1.0 व प्रपत्र कैसे तैयार करें
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PM Swamitva Yojana Map 1.0 | स्वामित्व योजना के मैप 1.0 व प्रपत्र कैसे तैयार करें
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PM Swamitva Yojana Map 1.0 | स्वामित्व योजना के मैप 1.0 व प्रपत्र कैसे तैयार करें

DOWNLOAD मिसिंग एवं डबलिंग चेक

(XVI)  नक्शे व सर्व प्रपत्रों पर सर्वे समिति जिसमें ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ सहायक/ग्राम रोजगार सहायक, दो वार्ड पंच (जिनमें से कम से कम एक उस गांव/वार्ड का वार्ड पंच अवश्य होना चाहिए) के अलावा सरपंच व राजस्व पटवारी के भी हस्ताक्षर होंगे।

(XVII)  भारतीय सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त ईमेज मैप MAP 1.0 को पुनः रिनम्बर कर सर्वे प्रपत्र / सूचियां एवं आईडी रिनम्बरिंग किया हुआ मैप (सॉफ्ट एवं हार्ड कॉपी) पुनः सर्वेक्षण विभाग को भेजा जायेगा।

स्वामित्व योजना के प्रपत्र

स्वामित्व योजना के प्रपत्र डाउनलोड करने के लिए निम्न पर क्लिक करें

स्वामित्व योजना के प्रपत्र सॉफ्ट कॉपी
स्वामित्व योजना के प्रपत्र हार्ड कॉपी

स्वामित्व योजना दिशा निर्देश

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