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Suchna ka Adhikar Adhiniyam 2005 | सूचना का अधिकार क्या है

Suchna ka Adhikar Adhiniyam 2005 | सूचना का अधिकार क्या है

Suchna ka Adhikar Adhiniyam 2005

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 क्या है ?
 
जवाबदेह व पारदर्शी शासन व्यवस्था का आदर्श पूरे देश में लागू करने की दृष्टि से, 12 मई, 2005 को सूचना का अधिकार (Suchna ka Adhikar) अधिनियम पारित किया गया। संसद द्वारा पारित यह कानून पूरे देश में सभी स्तरों पर लागू हो चुका है। इसके फलस्वरूप केन्द्र सरकार राज्य सरकार तथा सभी स्थानीय निकायों व राज्य अनुदान समर्थित संस्थाओं के काम-काज के बारे में जनहित संबंधी सूचनाएं किसी भी नागरिक द्वारा निर्धारित शुल्क अदा कर प्राप्त की जा सकती है। 
Rti act in hindi

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के उद्देश्य क्या है ?

1. शासन व्यवस्था की नीतियों, कार्यक्रमों, निर्णयों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना।
2 राजकीय विभागों द्वारा सम्पन्न कार्यों की पारदर्शिता बनाये रखना।
3. जन-सामान्य की समस्याओं का निर्धारित अवधि में निस्तारण सुनिश्चित कराना।
4. विकास कार्यक्रमों एवं सरकारी तंत्र के खर्चों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना।
5. शासन-तंत्र की जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करना।
6 सरकारी कार्यप्रणाली के प्रति जन साधारण की निगरानी भूमिका बढ़ाना।
उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सूचना का अधिकार अधिनियम वर्ष 2005 से देश में लागू किया गया है। इस अधिनियम के द्वारा देश के हर नागरिक को वह सब जानकारी सरकारी विभागों/ उपक्रमों से कानूनी हक के तौर पर उसी तरह  मिल सकती है, जैसे माननीय विधानसभा सदस्य को विधानसभा से तथा माननीय संसद सदस्य को संसद से मिलती  है।

Suchna ka Adhikar Adhiniyam 2005 

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के आवश्यक नियम  

भारत के नागरिक किसी भी सरकारी कार्यालय से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आप आरटीआई दाखिल कर किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें सभी केंद्रीय, राज्य और स्थानीय संस्थान शामिल हैं, जो संविधान के तहत स्थापित किए गए हैं।
इसके तहत सूचना (अभिलेख, ज्ञापन, ईमेल, राय, सलाह, प्रेस सूचना, परिपत्र, आदेश,लॉगबुक, संविदा, रिपोर्टें,  कागजात, नमूने, मॉडल, इलेक्ट्रिक रूप में रखी गई सामग्री एवं प्राइवेट निकाय से संबंधित सूचना जो लोक सूचना अधिकारी की पहुँच में हो ) अभिलेख  (दस्तावेज, पाण्डुलिपि, फाइल, माइक्रोफिल्म, मिक्रोफिश, प्रतिचित्र, कम्प्यूटर या अन्य युक्ति द्वारा उत्पादित अन्य सामग्री) की प्रतियां प्राप्त की  जा सकती हैं अथवा निरीक्षण किया जा सकता है। (धारा 2 )
आवेदन करते समय, आवेदक को सरकारी विभाग  का सटीक नाम दर्ज करना होगा। आवेदन के साथ आपको 10 रुपये का आवेदन शुल्क भी जमा करना होगा। गरीबी रेखा से नीचे  के व्यक्तियों से  यह शुल्क नहीं लिया जायेगा। 
आवेदन करने के 30 दिनों के भीतर सूचना करवाई जाती हैं। अगर जरूरी दस्तावेज हैं तो 48 घंटे में भी सूचना प्राप्त जा सकती  है। (धारा-7)
आवेदन पत्र कुछ कारणों से भी निरस्त किया जा सकता है, जैसे – आवेदन पत्र स्पष्ट नहीं लिखा है, विवरण अधूरा है या आवेदन शुल्क/ प्रतिलिपि शुल्क  जमा नहीं कराया है।
Suchna ka Adhikar

लोक सूचना अधिकारी / सहायक लोकसूचना अधिकारी के कार्य क्या है ? 

सूचना का अधिकार अधिनियम (Suchna ka Adhikar Adhiniyam), 2005 की अनुपालना सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक विभाग में सूचना का अधिकार अधिनियम (Suchna ka Adhikar Adhiniyam), 2005 की धारा-5 के अंतर्गत जन सूचना अधिकारी/ सहायक जन सूचना अधिकारी की नियुक्ति की गई है।

लोक सूचना अधिकारी का कार्य – 1. सूचना उपलब्ध कराने संबंधी आवेदन पत्र प्राप्त करना।
2. आवेदन पत्र हेतु निर्धारित शुल्क राशि संबंधित मद में सूचना का अधिकार अधिनियम (Suchna ka Adhikar Adhiniyam), 2005 के क्रियान्वयन हेतु जमा करना।
3. आवेदन पत्र में मांगी गई सूचना 30 दिन के अंदर अधिनियम की अनुपालना में आवेदनकर्ता को उपलब्ध कराना। (धारा-7)
4. उपलब्ध कराई जाने वाली सूचना की फोटोप्रति / नकल का निर्धारित शुल्क प्राप्त करना।
5. सूचना का अधिकार अधिनियम (Suchna ka Adhikar Adhiniyam), 2005 के तहत प्राप्त आवेदनों के निस्तारण का मासिक व क्रमिक विवरण तैयार करना
6. यदि वांछित सूचना दूसरे विभागों से संबंधित है तो संबंधित आवेदन-पत्रों को प्राप्ति से प्रत्येक दशा में 5 दिन के भीतर संबंधित विभागों को सूचना प्रदान करने हेतु आवेदन स्थानान्तरित कर आवेदक को भी इस आशय की सूचना देना। (धारा-6)
Suchna ka Adhikar

राजकीय विभागों/ उपक्रमों और उनके अधिकारियों की बाध्यताएं क्या है ? 

सूचना का अधिकार अधिनियम (Suchna ka Adhikar Adhiniyam) की धारा-4 के अनुसार स्वतःस्फूर्त सूचना प्रदान करने के निम्न दायित्व हैं।
1. अपने संगठन के कार्यों तथा कर्त्तव्यों का विवरण देना।
2. अपने अधिकारियों तथा कर्मचारियों के कर्त्तव्यों तथा अधिकारों का विवरण।
3. पर्यवेक्षण और जवाबदेही के स्त्रोत सहित निर्णय लेने में अपनायी जाने वाली प्रक्रिया।
4. कार्यों को करने हेतु अपनाये गये मानक
5. कर्तव्यों के निर्वहन हेतु अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा प्रयोग किये जाने वाले नियमों, निर्देशों और अभिलेखों आदि का विवरण।
6. विभाग द्वारा रखे जाने वाले अभिलेखों के प्रकारों का वर्णन |
7. नीति-निर्धारण के लिये जनता से परामर्श या सुझाव लेने का प्रबंध
8. विभाग में सलाह देने के लिए गठित दो या दो से अधिक सदस्यों की समितियों आदि का विवरण तथा यह भी कि उनकी बैठकें जनता के लिये खुली होंगी या नहीं तथा उनकी कार्यवाहियां जनसामान्य के लिये उपलब्ध होंगी या नहीं।
9. अपने अधिकारियों व कर्मचारियों का पूर्ण विवरण मय मासिक वेतन-भत्ते
10. विभाग के अंतर्गत समस्त योजनाओं / परियोजनाओं / प्रकोष्ठों का वार्षिक स्वीकृत बजट प्रस्तावित व्यय और किये गये भुगतानों का विवरण।
11. अनुदान कार्यक्रमों के तहत आवंटित धनराशि एवं लाभार्थियों के विवरण।
12. विभिन्न योजनाओं अन्तर्गत छूट / रियायत प्राप्त करने वालों का विवरण।
13. इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में रखी गई सूचना का विवरण।
14. सूचना प्राप्त करने हेतु नागरिकों को उपलब्ध सुविधाएं।
15. जन सूचना अधिकारी का नाम, पद तथा अन्य विवरण |
16. नियमों के अन्तर्गत देय अन्य कोई सूचना ।
ऊपर दी गई समस्त सूचनाएं प्रतिवर्ष अद्यतन कर प्रकाशित की जायेंगी तथा विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन, वेबसाइट, सूचना पट्ट आदि पर जन सूचनार्थ प्रदर्शित की जायेंगी।

सूचना प्राप्ति हेतु आवेदन कैसे करें ?

सूचना का अधिकार अधिनियम (Suchna ka Adhikar Adhiniyam) की धारा-6 के अनुसार सूचना चाहने वाले आवेदक को जन सूचना अधिकारी/ सहायक जन सूचना अधिकारी को निर्धारित 10/-रूपये शुल्क सहित हिन्दी/ अंग्रेजी भाषा में साधारण कागज़ पर अथवा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (ई-मेल) द्वारा  लिखित आवेदन करना होगा। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले आवेदकों द्वारा सूचना प्राप्त करने हेतु किसी भी प्रकार का शुल्क देय नहीं होगा। लेकिन गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले आवेदकों  को  आवेदन पत्र के साथ bpl होने का दस्तावेज साथ लगाना होगा।  यदि आवेदक विशेष परिस्थितियों में लिखित आवेदन करने में असमर्थ है तो जन सूचना अधिकारी मौखिक आवेदन को लिखने में सहायता करेंगे।आवेदक को यह बताने की आवश्यकता नहीं होगी कि उसे कोई भी सूचना क्यों चाहिए। साथ ही आवेदक को अपना विस्तृत व्यक्तिगत विवरण देने की भी आवश्यकता नहीं है। किन्तु आवेदक को अपने पत्र व्यवहार का पता बताना होगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर विभाग उससे सम्पर्क कर सके।
आवेदक चाहे तो पर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकता है।
Suchna ka Adhikar

सूचना प्राप्ति हेतु ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ?

 
• ऑनलाइन आरटीआई दाखिल करने के लिए आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट rti.rajasthan.gov.in पर जाना होगा।
• इसके बाद सिटिज़न लॉगिन पर क्लिक करना है।  इसके बाद sso id से या मोबाइल नंबर otp से लॉगिन करना है।
• लॉगिन होने के बाद  ‘सबमिशन’ बटन पर क्लिक करना है। इसके बाद bpl  हाँ अथवा नहीं  का विकल्प का चयन करना है ।
• इसके बाद एक एप्लीकेशन फॉर्म खुलेगा।
• अब आप जिस विभाग से संबंधित जानकारी चाहते हैं, उस विभाग के नाम का चयन करना है । उसके बाद कार्यालय का नाम और उसके बाद अधिकारी के नाम का चयन करना है ।
• अब खुद का नाम पता आदि चाही गई जानकारियां एप्लीकेशन फॉर्म में भरनी हैं। इस बात का ध्यान रखें कि एप्लीकेशन फॉर्म में सभी विवरण सही होने चाहिए और साथ ही फॉर्म को अधूरा न छोड़ें, इसे पूरा भरें।
• इसके बाद एप्लीकेशन का विषय लिखना है।
• इसके बाद यदि चाहें तो स्कैन किये हुए अप्लीकेशन फॉर्म को अपलोड करना है।
•इसके बाद जो बॉक्स बना हुआ है उसमें जो सूचना चाही गई उसके बारे लिखना है।
• इसके बाद सबसे नीचे दिए हुए सबमिट पर क्लिक करना है।
• इसके बाद आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
• इसके बाद 10 रूपये का ऑनलाइन भुगतान करना है।  इसके बाद आप मोबाइल नंबर एप्लीकेशन नंबर का मैसेज आएगा।  आपको इसे संभाल कर रखना होगा। एप्लीकेशन फॉर्म की स्थिति की जांच करते समय आपको इस नंबर की आवश्यकता होगी।

सूचना चाहने संबंधी आवेदन पत्रों पर कार्यवाही/ निस्तारण

जन सूचना अधिकारी अधिकतम 30 दिन के भीतर आवेदक को मांगी गयी सूचना उपलब्ध करायेंगे अथवा कानून की धारा-8 या 9 में दिये गये आधारों पर आवेदन को अस्वीकृत कर देंगे। यदि मांगी गई सूचना का संबंध किसी व्यक्ति के जीवन अथवा स्वतंत्रता से है, तो मांगी गयी सूचना 48 घंटे के भीतर प्रदान की जायेगी। यदि मांगी गयी सूचना पर कोई अतिरिक्त या अधिक शुल्क की देनदारी बनती है, तो उसके बारे में आवेदक को सूचित किया जायेगा। इस सूचना को देने तथा शुल्क जमा करने के बीच की अवधि को 30 दिन में शामिल नहीं किया जायेगा। साथ ही आवेदक को यह भी सूचित किया जायेगा कि उससे मांगे गये अतिरिक्त शुल्क के खिलाफ भी पुर्नविचार करने का अधिकार है तथा वह इसके लिए किसी अपील अधिकारी को कितनी अवधि में किस प्रक्रिया तथा किस फार्म पर आवेदन करे। 30 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध कराने में विफल रहने की स्थिति में आवेदक को वांछित सूचना पूरी तरह से निःशुल्क प्रदान की जायेगी। यदि 30 दिन के भीतर अथवा 48 घंटे के भीतर जैसी भी स्थिति हो, जन सूचना अधिकारी निर्णय देने में असफल रहते हैं तो यह समझा जाएगा कि उसके द्वारा निवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया है।

उपलब्ध कराई जाने वाली सूचना हेतु निर्धारित शुल्क  

1. प्रदत्त की जाने वाली सूचनाओं पर निर्धारित शुल्क नकद या ड्राफ्ट या बैंकर्स चैक द्वारा जमा किया जायेगा।(नियम 3)
2. लिखित रूप में सूचना देने पर प्रत्येक पृष्ठ (ए-4/ए-3) आकार के पृष्ठ हेतु प्रति पृष्ठ 2/- रूपया शुल्क लिया जायेगा तथा उससे अधिक बड़े आकार के कागज/ नमूनों/ मॉडलों में सूचना लिखित या मुद्रित रूप में देने पर उस कागज़ का वास्तविक मूल्य लिया जायेगा (नियम 4)
3. अभिलेखों के निरीक्षण के लिए प्रथम घंटे हेतु 10/- रू का शुल्क और तत्पश्चात् प्रत्येक 15 मिनट के लिए या उसके आंशिक भाग के लिए-5/- रूपये का शुल्क लिया जायेगा (नियम 4)
4. सीडी/पलापी में प्रदान की गई सूचना के लिए प्रति सीडी 50/- रूपये का शुल्क लिया जायेगा (नियम 5)
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सूचनाएं जो नहीं दी  जा सकती हैं 

1. ऐसी सूचना जिससे भारत की एकता, अखण्डता एवं सुरक्षा प्रभावित होती हो। देश के युद्ध-कौशल, वैज्ञानिक या आर्थिक हित, दूसरे देशों से संबंध अथवा अपराध को बढ़ावा देने वाली सूचनाएं भी साझा नहीं की जा सकती हैं।
2. ये सूचनाएँ जिन्हें प्रकाशित करने से न्यायालय/ न्यायिक आदेश की अवमानना हो।
3. ये सूचना जिन्हें देने पर संसद या राज्य विधानसभा के विशेषाधिकार का हनन हो।
4. ऐसी सूचना जिनसे वाणिज्यिक/ व्यापारिक गोपनीयता अथवा बौद्धिक सम्पत्ति पर हानिकारक प्रभाव पड़े, जब तक सक्षम अधिकारी संतुष्ट ना हो जायें कि व्यापक जनहित में ऐसी सूचना वांछनीय है।
 5. ऐसी सूचना जो किसी एक व्यक्ति को उसके वैश्वासिक  संबंधों के कारण उपलब्ध हुई हो, को सक्षम अधिकारी व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए, संतुष्ट होने पर ही साझा कर सकते हैं।
6. ऐसी सूचना जो विदेशी सरकार से विश्वास के अधीन प्राप्त हुई हो।
7. ऐसी सूचना जिससे किसी व्यक्ति के जीवन या शारीरिक सुरक्षा, स्रोत की पहचान या विधि प्रवर्तन या गोपनीय रूप से दी गई सहायता  को खतरा हो।
8. ऐसी सूचना जिससे किसी व्यक्ति के जीवन या शारीरिक सुरक्षा को खतरा हो। वह सूचना जो जाँच की प्रक्रिया, बन्दीकरण या अपराधियों के अभियोजन को रोके
9. मंत्री परिषद् एवं अन्य अधिकारियों के विचार-विमर्श के अभिलेख मय केबिनेट प्रपत्र, निर्णय लेने के बाद तथा प्रकरण की पूर्णता या समाप्ति के पश्चात् ही सार्वजनिक किये जा सकते हैं।
10. ऐसी सूचना जिसके प्रकटीकरण से किसी लोक क्रिया या हित का सम्बन्ध नहीं है।(धारा-8)
 

अपील

यदि व्यक्ति को निर्धारित समयावधि (30 दिन )में वांछित सूचना दिये जाने अथवा न दिये जाने संबंधी निर्णय प्राप्त नहीं होता है, तो वह सक्षम अधिकारी के वरिष्ठ अधिकारी को  30 दिन में अपील कर सकते हैं।  प्रथम अपील अधिकारी के निर्णय से संतुष्ट नहीं होने पर  राज्य लोक सूचना अधिकारी को  90 दिन में द्वितीय अपील की जा सकती है। अपील अधिकारी द्वारा प्राप्त ऐसी सभी  अपीलों का निस्तारण 45 दिन में किया जायेगा (धारा-19 )
राज्य सूचना आयोग
राज्य सरकार ने शासकीय गजट में अधिसूचना द्वारा राजस्थान सूचना आयोग का गठन इस अधिनियम के अधीन दी गई शक्तियों के प्रयोग एवं दिये गये कार्यों के सम्पादन हेतु किया है। कोई व्यक्ति यदि अपीलीय निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वह 90 दिन के भीतर राज्य सूचना आयोग को द्वितीय अपील प्रस्तुत कर सकता है। इसके अतिरिक्त वांछित सूचना नहीं दिये जाने पर, भ्रामक अथवा मिथ्या सूचना देने पर राज्य सूचना आयोग इसकी जांच कराकर संबंधित जन सूचना अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही कर सकता है।
राज्य सूचना आयोग का पता निम्नलिखित है:- मुख्य सूचना आयुक्त, राजस्थान राज्य सूचना आयोग, ओ.टी.एस, एम.एन.आई.टी चौराहा,  झालाना लिंक रोड, जयपुर-302017
दूरभाष संख्या-0141-2719137/2708821, फैक्स 0141-2719136
 
आज हमने सीखा :- 
1. सूचना का अधिकार (Suchna ka Adhikar) क्या है ?
2. लोकसूचना अधिकारी के कार्य क्या है ?
3. आरटीआई आवेदन कैसे दाखिल करें  ?
4. फीस कितनी जमा करनी पड़ती  है  ?
 

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